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________________ (૫૫) શ્રી જયશેખરસૂરિ ભાગ ૧ (પીએચ. ડી. મહાનિબંધ) (18) श्री स्यशेमरसूरि सास २ (पामय, स. महानि ) (૫૭) ચાલો જિનાલયની વરસગાંઠ ઊજવીએ (૫૮) અચલગચ્છની પ્રતિભા (૫૯) પુરુષાર્થની પ્રેરણુમતિ (१०) पुस्तामा यत्रि - UdR (Aशेमरभूति, 4a) (61) स्वामी यस्त्रि-तार (भाषांतर) (૨) ત્રિભુવનદીપક પ્રબંધઃ એક અધ્યયન હિન્દી સાહિત્ય १ भक्तिनैया देवदर्शन-गुरुवदन व सामायिक की विधि । २ प्रार्थना नवस्मरण-भक्तामर व चमत्कारिक सरस्वतीस्तोत्र । 3 बोलो सुबह शाम (द्वितीय आवृत्ति) लघुपुण्यप्रकाशस्तवन-दादागुरुदेव इक्कीसा, गौतमस्वामी रास आदि । ४ तपसु बेड़ो पार सिद्धाचलजी, सम्मेतशिखरजी तीर्थ व ज्ञानपंचमी, वीसस्थानक तथा वर्धमान तपकी आराधनाविधि ५ रेडी वन टु श्री (द्वितीय आवृत्ति) बालयोग्य खेल के साथ मात्र १ दिन पालने के सरल नियम । 5 वंदन से कर्म खंडन देवदर्शन व गुरुवंदनविधि । ७ पढो आगे बढो क्किकी आराधना के दश अधिकार, दैनिक रात्रिक-वार्षिक आदि कर्तव्य तथा जीवविचार-नक्तत्वप्रश्नोत्तरी । 11
SR No.011597
Book TitleMahakavi Jayshekharsuri Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMokshgunashreeji
PublisherArya Jay Kalyan Kendra
Publication Year1991
Total Pages531
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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