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________________ 84 (३६) घोषाश्वनावजिन नायसाय मध्पः प्रासाद एप कलध्व जम पिडतो' । निर्मापकोस्य गुखोत्र कृतप्रतिष्ठा मंदंतु उपसहिता सुप्रतिष्ठा । ५६ (२१) ग्रीम सिभुवनहितामिदेरुपये मशस्पिरेशन कृत्या T वृता लिखिता प्रोकीसि रिव सूर्मा । ३७ टक्कुर मादागमेन पुरयायें । वैज्ञानिक (३८) उीणा भावकवरेण वोधःमिधामन प८ इति विम मत् १४१२ भाषाद यदि ६ दिने । पोखरतरगद्वार गुरुप्रतिधरि पट्टाकार प्रोमिनेन्द्रसूरिया रोम घोमंजि वंशमन 80 मैडमनंदनाम्यो | श्रीमुना पापापानां पं० हरिप्रमति । मोदति गणि । प गिरि । प्रधानपति सहितानां पूर्व दयविदारयोमहातोय यात्रा मंत्र णादिमहाप्रभावनया सकलप्रोविधि यसमानंदनाम्पो, ८० राज 30 देवराम मुधावकाम्यो बारि पुशस्ति, शुभं भवतु श्रीसंपम्प ॥ ६ ॥ * 1.4 10 . 74
SR No.011094
Book TitleSome Distinguished Jains
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUmrao Singh Tank
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year
Total Pages95
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size3 MB
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