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________________ । रतन परीक्षक। ॥ संगे सम ॥ इसकी दो जाति हैं अंगूरी और सफेद सफेद अच्छा होताहै ॥ लास ॥ यह मारवर की जाति में से है ॥ माग्बर ॥ रंग बांश के माफिक लाल और सफेद मिला होने से इस को मकराना कहते है दहाने फिरंग इस का रंग सबज होता है, ऊपर रेखा काले रंग की होती हैं, पैदा फरासीसी देश में, इस देश में इसकी माला बना पहनते हैं. परीक्षा के लिये लोहे के ऊपर नीवरस डाल कर रगडना चाहिये रंगडने सेरंग तामे यानांदी या सुवर्ण कोसा होता है उत्तम सुवर्ण रंग का गिना जाता है ॥ कमोटी इसका रंग काला स्निग्ध होता है इसके ऊपर उत्तम सुवर्ण की परीक्षा होती है इसकी पैदाइश गंडकी नदी वीच या नर्मदा नदी में या देस जंब पहाडों बीच है ॥दार चना ॥ दार चीनो के माफिक इसका रंग होता हैं मुसलमान इस को तसवीर बनाते हैं हकीक कुलल्हार । सबज़ पन के साथ जर्द पन मिला होता है मुसलमान जप को माला बनाते हैं ॥ हालन ॥ रंग गुलावी मयला और हिलाने से हिलता है ॥ सिनरी॥ सफेद ऊपर स्याम दरम्त दीखता है
SR No.011027
Book TitleLecture On Jainism
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLala Banarasidas
PublisherAnuvrat Samiti
Publication Year1902
Total Pages391
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size14 MB
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