SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 326
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३६ । रतन परीक्षक । ऊपर सुर्ख रंगकी छिटक शोभा देती है तोल में भारी होता है पश्चिम देश के पहाड़ों की नदियों में मिलता है ॥ मकना तीस || इसको चुंबक कहते हैं इसका रंग काला होता है यह लोहे को खेचता है वृद्ध देश वा ग्वालियर में मिलता है || सिन्दुरिया || इसको रंग सफेद पन लिये गुलाबी होता है यह सांम देश में मिलता है ॥ लीली ॥ यह नीलम को जाति का होता है नीलम से नरम पन औ र थोडा जर्दी लिये हुए || बेरुज || इसका रंग थोडा सवज अथवा जई अथवा नीलो होता है पैदा टोडा नाम गांव इलाके जैपुर में होता है || मरगज || इसका रंग सबज खोटे पंने वत. उत्तम पैदाइश मिसर देश के पहाड़ों बोच || पितोनीया || इसका रंग सबज के ऊपर सुर्ख छोटा दार होता है. पैदाइश नर्मदा या गुजरात देश में ॥ वांशी ॥ इसको नगौरी या नार नौरी भी कहते हैं इसका रंग गुला वी सुपेदी लिये या पक्की ईंट वत होता है यह भर्थपुर अलवर जैपुर और करोली आदि के पहाड़ों में मिलता है यह इमारत ता है या रकेबी कटोरें आदि बनाये जाते हैं ॥ दुरेनजफ यह कच्चे धान के माफिक होता है
SR No.011027
Book TitleLecture On Jainism
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLala Banarasidas
PublisherAnuvrat Samiti
Publication Year1902
Total Pages391
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy