SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 182
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रकाशक का निवेदन । जो विद्यार्थी इस पुस्तक को ध्यानपूर्वक पढ़ेंगे और उसका संक्षिप्त वर्मन लिखकर, या उसके किसी एक विषय पर लेख लिखकर, हमारे पास भेजेंगे उनको पारितोषिक दिये जायंगे । इसके संबंध में नीचे लिखे हुए नियम निर्धारित किये गये हैं: - (१) विद्यार्थियों के सिवा अन्य किसी को पारितोपिक दिया नहीं जायगा । (२) पारितोषिक पान की इच्छा रखनेवाले विद्यार्थी को अपने लेख पर अपना पूरा नाम और पता आदि लिखकर, अपने अध्यापक ( या अपने शहर या गान के किसी दो प्रति एत पुरुषां) से यह लिखवा लेना चाहिये, कि यह लेख उसी विद्यार्थी का लिया हुआ है जिसने उसपर हस्ताक्षर किये हैं। (३) लख, अल्सकेप कागज की ओर. शुद्ध देवनागरी अक्षरों में, लिखा जाय और वह १५ पृष्ट से कम या २५ पत्रों से अधिक न हो। (४) सब लेख, नीचे लिखे हुए पत्ते पर, तारीख ३१ दिसंबर सन १९०६ इ० तक, पहुंच जाने चाहिये । ( ५ ) लेखों की परिक्षा करके पारितोपिक का निर्णय, तारीख १५ फरवरी सन १६७ ई. तक, किया जायगा। (६) पारितोषिकों की संख्या यदि इस प्रकार नियत की गई है: (अ) इस पुस्तक का संक्षिप्त सार लिखनेवालों को-- प्रथम पारितोषिक-१ प्रत्येक १० ) रुपये का = १० ) द्वितीय , ३ , ५) , = १५ ) तृतीय , ६ , ३) , = १८) ४३ रुपये (ब) इस पुस्तक में जिन विषयों का वर्णन किया गया है उनमें से किसी एक विषय पर स्वतंत्र रीति से लेख लिखनेवालों को प्रथम पारितोषिक-१ प्रत्येक ८ ) रुपये का = ८) द्वितीय , ४ , ४)" = १६). सृतीय , १० . २), २०) १५ ४४ ) रुपये डाक्टर वासुदेवराव लिमये, मोदी लेन, सीताबरडी, नागपुर ।
SR No.011027
Book TitleLecture On Jainism
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLala Banarasidas
PublisherAnuvrat Samiti
Publication Year1902
Total Pages391
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy