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________________ सूचीपत्र. विषयनाम. प्रष्ट. विषयनाम. भूमिका ... ... ... ... ... १ । मथुराके शिलालेख... ... ... ... लागोंने जैनधर्मको यथाणे गई। जाना ... ३ पुराने भारतवर्षका विशेष वर्णन मियाज्ञान होने के कारण ... ... ... ४ योगशास्त्र ... ... ... अनियोंकी प्राचीनता, जनधर्म शंकराचार्य्यके मांख्यदर्शन... पछि नहीं चला... ... ... महाभारत ... ... जैनमत बौद्धमतको शाखा नहीं है चार्वाकदर्शन ... हिन्दूशास्त्र ... ... ... ... ... : जैनियोंका मन्तव्य... बौद्धमतके ग्रंथ ... ... ... ... १५ . रत्नत्रय ... ... जैनशान ... ... ... ... ... ५७ - प्रावकके आचरण ... बुद्ध महाबीर स्वामीका शिष्य नहीं था ... 1. ग्यारह प्रतिमा ... ... युद्ध महाबीर स्वामी के समयमें हुआ ... १९ । दशलाक्षणी धर्म ... ... जैनियोंकी विशेष प्राचीनता ... ... २१ द्वादश अनुप्रेक्षा ... ... जनमत ब्राह्मणमतरो नहीं निकला बाल्क दोनों मुनिका चारित्र ... ... पुराने भारत वर्षक एक ही वायुमंडलगे जैन साधु नाम क्यों रहते है और क्यों जनी निकले है ... ... ... ... २२ नंगी मूर्तियोंको पूजते है. ... ... ५५ लोगोंको पुराने भारत वर्षका यथार्थ हाल । नमामि ... ... ... ... ... ६० भालूम नहीं हुआ ... ... ... २२ जैनशास्रोमें पुराना भारतवर्ष ... ... २८ ४ २ पंक्ति १८ में नं. (१) को पिपिर भैक्समूलर (Maxmuller) साहयकी राय २८ र अकबरका फरमान ... ... ... ६३ पुराने भारतवर्षमें नकल करना नहीं हैं ... ३० । पट २ पंक्ति २१ में नं. (२) की दि पर्णापर मैक्समूलर (Maximuller) माहयकाराय ३० । महाराना श्रीराजसिंहका आज्ञापत्र ... ६५ हिन्दमत और ब्राह्मणमत यह दोनों नाम पृष्ठ १० पंक्ति १३ में नं. (७) की टिप्पणी ठीक नहीं है ... ... ... ... ३२ पर व्यासकत वेदान्तसूत्र अध्याय २ पाद २ जैनमतको पार्श्वनाथने नहीं चलाया वरन सूत्र ३३ से-३६.व शांकरभाष्य ... ६६ ऋषभदेवने ... ... भागवत पंचमस्कंध अध्याय ३ से ५ ... ६८ बौद्धमतके ग्रंथ ... ... ... ... ३३ छठे सूत्रपर विज्ञानभिक्षुका भाष्य... ... ५६ जैनशास्त्र ... ... ... साख्यकारिका २ पर गार पादका माध्य... ७६ हिन्दुशास्त्र ... ... ... २३ । भागवत कंत्र १.४ोक.५ ...
SR No.011027
Book TitleLecture On Jainism
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLala Banarasidas
PublisherAnuvrat Samiti
Publication Year1902
Total Pages391
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size14 MB
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