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________________ (५६) [227] गोत्रे संवत १६०४ बर्षे माघ सुदि ९ दिने जोम बासरे श्रवण नक्षत्रे ठाकुर काडेन तत्पुत्र ठाकुर डुखीचंद श्री जिन कुशल सुरीणं पाडुके कारितं । ठाकुर [228] सं० १६०४ शाके १५५० ईश्वर बर्षे सम्बतसरं चेत्र बदि १३ शुक्रे शुभे मुहुर्त्ते दक्षिण देशे ज० श्री कुमुदचंद्र दिनंद पट्टे ज० श्री मूल शृंगार दा बघेरवाल ज्ञातौ स० श्री तोला जा० सं पुत्र स० श्री कृष्ण ॥ देव नार्या सोहि - श्रेयोथं --- श्री महाबीर पाडुका स्थापितं । [229] सं० २०३० माघ शुदि ५ - श्री सकल संघे श्री पार्श्व ना० पा० कारापि - | [230] सं० १८३० माघ शु०५ सकल संघेन शांतिनाथ पाडु० कारापिता - [ 231 ] सुद्ध प्रणमदिये गूणवीस सय वरसे बसाद बद पियामद सिरि जिन कुशल सुरि पाय हवणा कारिया सिरिमाल बंसे वदलीया गुत्ते साद कमला वरणा बिसाला सुपर हिय सयल सुरीहिं ॥ श्री ॥ सं० २०४६ मीती बेसाख सुदी १३ [232] श्री दादाजी श्री कुशल सुरजी सहाय
SR No.011019
Book TitleJaina Inscriptions
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year1918
Total Pages326
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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