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________________ (४७) चमो घाम प्रतिष्ठित श्री महावीर बर्द्धमान जिनराज पाउके महतियाण श्री संघेन कारिते। प्रतिष्ठित च श्री बृहत्खरतर गवाधीश्वर श्री शत्रुजयाष्टमोबार प्रतिष्ठाकर युगप्रधान भी जिनसिंह सूरि पटोदय गिर दिनकर युगप्रधान श्री जिनराज सुरिनिः॥श्रीवतु । श्री कमल लाजोपाध्यायाः पं० बन्धकीर्ति राजहंसादि शिष्य सहिताः प्रणमंति । ११ गणधरोंके चरणों पर। [ 191] १ । संघति १६एउ प्रमिते । बैशाख सुदि ५ सोमबारे । श्री बिहार नगर बास्तव्य श्री जरत चक्रवर्ति महाराजात सकल मंत्रि मुख्य मंत्रिश्वर दसान्वीय नरमणि मंकित श्री जिन चंड सूरि प्रशोषित महतियाण ज्ञाति मएकन चोपड़ा गोत्रीय संघवी संग्राम सपरिवारेण । श्री गौतम खामि ॥ १ श्री अग्निनुति ॥ ३ श्री बायुजूति ॥ ३ श्री व्यक्तखामि ॥४ श्री सुधर्मा स्वामि ॥५ श्री मंएिककपुत्र स्वामि ॥ ६ श्री मौर्यपुत्र स्वामि ॥ श्री अकंपिक स्वामि ॥ श्री अचखत्राता स्वामि ॥ ए श्री मेतार्य स्वामि ॥ १० श्री प्रजास स्वामि ॥ ११ मंदिर प्रशस्ति । [ 192] ।९० ॥ स्वस्ति श्री संबति १६ए७ बैशाख सुदि ५ सोमबासरे। पातिसाह श्री साहिजां हसकल नूर माललाधीश्वर विजयिराज्ये ॥ श्री चतुर्विंशतितम जिनाधिराज श्री बीर बर्द्धमान स्वामि निर्वाण कल्याणक पवित्रित पावापूरी परिसरे श्री बीर जिन चैत्य निवेशः॥ श्री रुपन जिनराज प्रथम पुत्र चक्रवर्षि श्री जरत महाराज सकल मंत्रि मएमज श्रेष्ठ मंत्रि श्री दल संतानीय महतियाण ज्ञातिश्रृंगार चोपड़ा गोत्रीय संघनायक संघवी तुलसी जा निहालो पुत्र सं० संमाम बघुनात गोवर्धन तेजपाल नोजराज । रोह दिय गोत्रीय सण पर * यह बेदीके अन्दर दवा भया है इस कारण सन पढ़ा नहीं गया।
SR No.011019
Book TitleJaina Inscriptions
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year1918
Total Pages326
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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