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________________ [25] संवत १५६३ वर्षे माह बदि ११ दिने रखौ श्री श्रीमाल ज्ञातीय सघु शाषायां । व्य० केसव जा० नरमी सुत व्य० वीका जा० संपू । प्रा० व्य० आसाकेन जार्या श्रमरादे जात व्य० ला प्रमुख कुटुंब युतेन श्री वासुपूज्य चतुर्षिशति पट्ट कारितः प्र० श्री सूरिजिः श्री स्तम्न तीर्थे । कृतवपुर वास्तव्यः ॥ शुजं जवतु । [26] संगत बर्षे वैशाख दिने निदानयहेगा बाई नाराज कंपन विष भी ची कति प्रति श्री धर्मघोष गि सप ( ७ ) सुन्द कीनि उपदेसमझाती सोपवर्षा सेवा पुत्र से रहावी जीरी रविवा श्री शांति मंडन पोट १५ समानताशा ॥ संवत १५३६ वर्षे फागु ज्ञातीय सुराणा मोत्रे साह शिवदास सहितेन मातृ नारि श्रेयोर्थ श्री [39] नायक श्री श्री श्री रत्नशेखर सुरिनि ॥ का मंदिर ॥ उपके तीष शिवा ना० प्रमख सुन प० न प्रेयसे श्री माविका श्री (20) बुधसिंहजी बेड़िया का धरदेरासर || सुदिप दिने श्री राकेश सेठि गोत्रे श्रे० सोधरेण जाव
SR No.011019
Book TitleJaina Inscriptions
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year1918
Total Pages326
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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