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________________ (१९५) तोरण पर। ( 789 ) सं० १०३५ आषाढ़ सुदि १. आदित्य वारे स्वाति नक्षत्रे श्री तोरणं प्रतिष्ठापिमिति स्तम्भ पर। ( 790 ) सं. १२३१ मार्ग सुदि ५ वांधल पुत्र यशोधर वोहिव्य मूला देवि ---। २४ माताके पट्ट पर। ( 791 ) सं० १२५९ कार्तिक सु० १२ सुचेत गुत्री सहदिग पूरैः शशु दरदी सुखदी सल्ल सर्व प्रसाद चतुर्विशति जिनः मातृ पट्टिका निज मातृ जन्हव अयोर्थ कारिता श्री कल सूरिभिः प्रतिष्ठिता। मूर्तियों पर। ( 792 ) सं० १०८८ फाल्गुन बदि ४ श्री नागेन्द्र गच्छे श्रो बासदेव सूरि संघ नानेतिहड़ श्रेया राखदोव कारिता। (793 ) सं० १२३४ वैसाख सुदि ११ मंगल । नागदेव वर्षा शामपद धनाय शोध । भार्या यशोदेव्या त्राम पोय पदे।
SR No.011019
Book TitleJaina Inscriptions
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year1918
Total Pages326
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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