SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 199
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ यह ग्राम रैनपुरसे ३ कोस पर है। संवत १६२१ ( १७२ ) सादडि । स्वस्ति श्री ऋद्धि वृद्धि जया मंगलाभ्युदय श्री- अथ श्रीतृ - विक्रमादित्य समयात्-१६४८ वर्षे वैशाख मासे कृष्णपक्ष अष्टम्यां तिथौ लामदासार गंगाजल निर्मलायां श्री उसवाल ज्ञाती कावेडिया गोत्र साह श्री भारमल गृहे भार्या बहू श्री मेवाडी - तत्पुत्र साह श्री तारा चंदजी स्वर्गारूढो जातः तत्र बहू श्री तारादे १ बह ओो त्रिभवणदे २ बहू श्री असवदे ३ बहू श्री सोभागदे ४ सहगत --- नाकोडा । मारवाड़ के मालानी - परगने के नगरके पास पहाड़ों के बीच यह एक प्राचीन स्थान है । ( 720 ) पार्श्वनाथ जिन चैत्ये चतुष्किका कारापित श्रावक संघेन । --- -- (719) ( 721 ) • संवत १६३८ आशाढ़ सुदि २ गुरुवार - ( 722 ) संवत १६४२ भाद्रपद सुदि १२ सोमवार -1 - राउल श्री मेघराजजी विजय राज्ये - --1
SR No.011019
Book TitleJaina Inscriptions
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year1918
Total Pages326
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy