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________________ ( १५८ ) ( 670 ) सं० १६८४ व० माघ सुदि ६ गुरौ देवक पत्तन वास्तव्य उकेश ज्ञातीय बुद्ध शाषायां सा० राजपाल सद्भार्या वा० पूराई सुतसा० वीरपाल नाम्न्या श्री संभव विवं प्र. तपा गच्छे श्री विजयदेव सूरिभिः । यति कर्म्मचन्द हेमचन्दजी का मन्दिर । ( 671 ) संवत १५५८ वर्षे चैत्र वदि १३ सोमे उपकेश ज्ञा० वर्द्धन गोत्रे श्र० बना भार्या बनादे सुत श्र० जिणदास केन भार्या आलमदे पुत्र राजा सांढादि कुटुंब युतेन श्री शितलनाथ विंवं का० प्र० पल्लीवाल गच्छे श्रीनस सूरिपट्ट श्री उजोयण सूरिभिः । ( 672 ) संवत १५५ वर्षे वैशाष वदि ११ शुक्र उपकेश ज्ञाती पीहरेचा गोत्रे सा-गोवल पु० सा-- भा० घारू पु० साह नर्वदेन भा० सो भादे पु० जावड । भा० चड --- -- पितुः श्र० श्री मुनि सुव्रत वि० का० प्र० श्री उपकेश - श्री कक्क सूरिभिः ॥ श्री कुक्कुदाचार्य संताने ॥ गांव मन्दिर बड़ा ( 673 ) सं० १५०७ वर्षे माघ सुदि १३ शुक्र श्री श्रीमाल वंशे व्य० जीदा १ पुत्र व्य० जेताणंद २ पु० व्य० आसपाल ३ पु० व्य० अभयपाल ४ पु० व्य० वांका ५ पु० व्य० श्री बाउडि ६ पु० व्य० अनंत ऽपु० व्य० सरजा ८ पु० व्य० घोंघा र पु० व्य• राजा १० पु० व्य० देपाल ११
SR No.011019
Book TitleJaina Inscriptions
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year1918
Total Pages326
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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