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________________ 'प्रश्नों के उत्तर ४२० NNVAR अपने जीवन को मोड़ दे रहे हैं। मांसाहार कम करने के लिए पाश्चात्य देशों ने मिलकर "All World Vegetarian Congress " 'विश्व शाकाहारी कांग्रेस की स्थापना की है और उक्त कांग्रेस पाश्चात्य देशों की जनता के मन में अहिंसा, दया एवं करुणा के भाव जगा कर आमिष आहार को रोकने का प्रयास कर रही है। उसके सद् ... प्रयत्न से हजारों व्यक्तियों ने मांसाहार का परित्याग किया है। पाश्चात्य देशों में दिनों-दिन शाकाहार का क्षेत्र विस्तृत हो रहा है। १५वें शाकाहार सम्मेलन नई दिल्ली एवं वाराणसी में पाए हुए वर्मा के . प्रतिनिधि ने गौरव का अनुभव करते हुए यह कहा कि बुद्ध जयन्ती पर. वर्मा सरकार ने सारे देश में ६ दिनों तक मांसाहार पर प्रतिवन्ध लगा दिया था, इस प्रतिबन्ध में मुसलमान भी शामिल थे। इस तरह युग-युगान्तर से आमिष-भोजी रहे देश आज अहिंसा के महत्त्व को . 'समझ रहे हैं। वे यह समझ रहे हैं कि आमिष आहार ही. अशान्ति . एवं युद्धों का जनक हैं। यह मानव के लिए वरदान नहीं, अभिशाप है। शक्ति-वर्धक नहीं, शरीर-दूषक है । वह मनुष्य की आध्यात्मिक ताक़त तथा दया, क्षमा, सहिष्णुता आदि मानवोचित गुणों का शोषक है, पोषक है तो केवल दानवी भावना का। .......... . - ऐलोपेथिक-टॉनिक-शक्तिवर्धक औषध सामिष भोजन है. ... आजकल ऐलोपेथिक चिकित्सा प्रणाली अधिक चल रही है। अपने आपको निरामिष-भोजी मानने वाले व्यक्ति इजैक्शन एवं अन्य : . टॉनिकों का उपभोग करते हैं- जिनमें मांस, चर्वी, अण्डे का शोरवा . . . एवं मछली का तेल ( Cod Liver oil ) मिला रहता है। बुखार .. एवं अन्य वीमारी से उत्पन्न हुई कमजोरी को दूर करने के लिए : डाक्टर प्रायः कॉड लिवर पायल देते हैं या Vitamin A:
SR No.010875
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages606
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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