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________________ ७६६ भगव सरीरे, असखेज्जाण सुहुमवाउसरी राणं' जावडया सरीरा से एगे सहमतेउसी रे, ग्रसखेज्जाण सुहुमतेउकाइयसरीराण जावइया सरीरा से एगे सहमे ग्राउसरीरे, असखेज्जाण सुहमग्राउवकाइयसरीराणं जावइया सरीरा मे एगे सहमे पुढवि सरीरे, असखेज्जाण सुहुमपुढविकाइयसरीराण जावइया सरीरा से एगे बादरवाउसरीरे, ग्रसखेज्जाण वादरवाउवकाइयाण जावइया सरीरा मे एगे वादरतेउसरीरे, ग्रसखेज्जाण वादरतेउकाडयाण जावइया सरीरा से एगे वादरग्राउसरीरे, ग्रसखेज्जाण वादरग्राउकाइयाण जावइया सरीरा से एगे वाद रपुढविसरीरे । एमहालए ण गोयमा ! पुढविसरीरे पण्णत्ते || पुढविकाइयस्स सरीरोगाहणा-पदं ३४. पुढविकाइयस्स ण भते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा । से जहानामए रण्णो चाउरतचक्कवट्टिस्स वण्णगपेसिया तरुणी वलव जुगव जुवाणी अप्पायंका थिरग्गहत्या दढपाणि-पाय-पास पिट्टतरीपरिणता तलजमलजुयल - परिघनिभवाहू उरस्सवलसमण्णागया लघण-पवणजइण-वायाम-समत्था छेया दक्खा पत्तट्ठा कुसला मेहावी निउणा निउणसिप्पोवगया तिक्खाए वइरामईए सण्हकरणीए तिक्त्रेण वडरामएण वट्टावरएण एग मह पुढविकाइय जतुगोलासमाण गहाय पडिसाहरिय-पडिसाहरिय पडिसखिविय-पडिसखिविय जाव इणामेवत्ति कट्टु तिसत्तक्खुत्तो प्रोप्पीसेज्जा, तत्थ ण गोयमा ! अत्येगतिया पुढविक्काइया प्रालिद्धा प्रत्येगतिया पुढविक्काइयानो आलिद्धा, प्रत्येगतिया सघट्टिया ग्रत्थेगतिया नो सघट्टिया प्रत्येगतिया परियाविया प्रत्येगतिया नो परियाविया, प्रत्येगतिया उद्दविया अत्येगतिया नो उद्देविया, प्रत्येगतिया पिट्ठा प्रत्येगतिया नो पिट्ठा, पुढविकाइयस्स णं गोयमा । एमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ॥ पुढविकाइयस्स वेदणा - पदं ३५. पुढविकाइए ण भते ! अक्कंते समाणे केरिसिय वेदण पच्चणुव्भवमाणे विहरइ ? ༣་ गोयमा । से जहानामए – केइ पुरिसे तरुणे बलव जुगव जुवाणे अप्पातके थिरग्गहत्थे दढपाणि-पाय- पास पिट्ठतरोरुपरिणते तलजमलजुयल - परिघनिभबाहू चम्मेट्ठग- दुहण-मुट्ठिय-समाहत-विचितगत्तकाए उरस्सवलसमण्णागए लघण-पवण-जइण-वायाम - समत्ये छेए दक्खे पत्तट्ठे कुसले मेहावी निउणे' १. सुहुमवाउकाइयारण ति क्वचित्पाठ. (वृ) | २. स० पा० - वण्णो जाव निउणसिप्पोवगया, नवरं - चम्मे - दुहण - मुट्ठियसमाहय णिचिय O गत्तकाया न भणति, सेस त चेव जाव निउण० । O ३. स० पा०-- बलव जाव निउरण |
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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