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________________ ६४५ चोद्दसम सतं (अट्ठमो उद्देसो) महानइ प्रोगाहित्ता वालुयासथारए सथरित्ता सलेहणा-झूसियाणं भत्तपाणपडियाइक्खियाण पायोवगयाण काल अणवकखमाणाण विहरित्तए त्ति कटु अण्णमण्णस्स अतिए एयमट्ठ पडिसुणेति, पडिसुणेत्ता तिदडए य कुडियाओ य कचणियायो य करोडियायो य भिसियारो य छण्णालए य अकुसए य केसरियायो य पवित्तए य गणेत्तियाओ य छत्तए य वाहणाओ य धाउरत्तानो य एगते एडेति, एडेत्ता गग महानइ प्रोगाहेति, प्रोगाहेत्ता वालुयासथारए सथरति, सथरित्ता वालुयासथारय दुरुहति, दुरुहित्ता पुरत्थाभिमुहा सपलियकनिसण्णा करयलपरिग्गहिय सिरसावत्त मत्थए अजलि कट्ठ एव वयासीनमोत्थु ण अरहताण जाव' सिद्धिगइनामधेय ठाण सपत्ताण । नमोत्थु ण समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव' सपाविउकामस्स। नमोत्यु ण अम्मडस्स परिव्वायगस्स अम्ह धम्मायरियस्स धम्मोवदेसगस्स। पुवि' ण अम्हेहिं अम्मडस्स परिव्वायगस्स अतिए थूलए पाणाइवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए, मुसावाए अदिण्णादाणे पच्चक्खाए जावज्जीवाए, सव्वे मेहणे पच्चक्खाए जावज्जीवाए, थूलए परिग्गहे पच्चक्खाए जावज्जीवाए, इयाणि अम्हे समणस्स भगवो महावीरस्स अतिए सव्व पाणाइवाय पच्चक्खामो जावज्जीवाए सव्व मुसावाय पच्चक्खामो जावज्जीवाए सव्व अदिण्णादाण पच्चक्खामो जावज्जीवाए सव्व मेहुण पच्चक्खामो जावज्जीवाए सव्व परिग्गह पच्चक्खामो जावज्जीवाए सव्व कोह माण माय लोह पेज्ज दोस कलह अब्भक्खाण पेसुण्ण परपरिवाय अरइरइ मायामोस मिच्छादसणसल्ल अकरणिज्ज जोग पच्चक्खामो जावज्जीवाए सव्व असण पाण खाइम साइम-चउव्विह पि अाहारं पच्चक्खामो जावज्जीवाए। ज पि य इमं सरीर इट्ठ कत पिय मणुण्ण मणाम पेज्ज वेसासिय समय बहुमयं अणुमय भड-करडग-समाण मा ण सीय, मा ण उण्ह, मा ण खहा, मा ण पिवासा, मा ण वाला, मा ण चोरा, मा ण दसा, मा ण मसगा, मा ण वाइयपित्तिय-सिभिय-सन्निवाइय' विविहा रोगायका परीसहोवसग्गा फूसंत त्ति कटु एयपि ण चरिमेहि ऊसासनीसासेहिं वोसिरामि त्ति कटु सलेहणा-झसिया भत्तपाण-पडियाइक्खिया पाअोवगया काल अणवकखमाणा विहरति । तए ण ते परिव्वाया वहूइ भत्ताइ अणसणाए छेदेति, छेदित्ता आलोइय-पडिक्कता समाहिपत्ता कालमासे काल किच्चा वभलोए कप्पे देवत्ताए उववण्णा। तहिं तेसिं गई, तहिं तेसि ठिई, तहि तेसिं उववाए पण्णत्ते । १ विभक्तिरहित पदम् । १. ओ० सू० २१ । २. ओ० सू० २१ ।
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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