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________________ तेरसमं सत ( छट्टो उद्देसो) ६१३ सभितरवाहिरिय' ग्रासिय समज्जिवलित्त जाव' सुगधवरगधगधिय गधट्टिभूय करेह य कारवेह य, करेत्ता य कारवेत्ता य एयमाणत्तिय पच्चपिणह | ते वि तमाणत्तिय • पच्चप्पिणति ॥ १११ तएण से उद्दायणे राया दोच्च पि कोडुवियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता व वासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया । केसिस्स कुमारस्स महत्य महग्घ महरिह विउल एव रायाभिसेग्रो जहा सिवभद्दस्स कुमारस्स तहेव भाणियव्वो जाव' परमाउ पालयाहि, इट्ठजणसपरिवुडे सिधूसोवीरपामोक्खाण सोलसण्ह जणवयाण वीयीभयपामोक्खाण तिण्णि तेसट्ठीण नगरागरसयाण महसेणपामोक्खाण दसण्ह राईण, ग्रण्णेसि च बहूण राईसर - तलवर - माडबिय - कोडुबिय - इब्भसेट्ठि-सेणावइ-सत्थवाहप्पभिईण ग्राहेवच्च पोरेवच्च सामित्त भट्टित्त प्राणा - ईसर सेणावच्च • कारेमाणे, पालेमाणे विहराहि त्ति कट्टु जयजयसद्द पउजति ॥ ११२ तएण से केसी कुमारे राया जाए - महाहिमवत - महत - त- मलय- मदर - महिंदसारे जाव' रज्ज पसासेमाणे विहरइ || ११३ तए ण से उद्दायणे राया केसि रायाणं ग्रापुच्छइ ॥ ११४ तएण से केसी राया को वियपुरिसे सद्दावेइ - एव जहा जमालिस तहेव सव्भित रवाहिरिय तहेव जाव' निक्खमणाभिसेय उवट्ठवेति ।। ११५. तए ण से केसी राया अणेगगणनायग" - दडनायगराईसर- तलवर - माडबियकोडुविय-इव्भ-सेट्ठि-सेणावइ सत्यवाह दूय- सधिपाल-सद्धि - सपरिवुडे उद्दायणं राय सीहासणवरसि पुरत्थाभिमुहे निसीयावेति, निसीयावेत्ता अट्ठसएण सोवणियाण कलसाण एव जहा जमालिस्स जाव' महया - महया निक्खमणाभिसेगेण अभिसिचति, अभिसि चित्ता करयलपरिग्गहिय दसनह सिरसावत्त मत्थए प्रजलि कट्टु जएण विजएण वद्धावेति वद्धावेत्ता एव वयासी - भण सामी । कि देमो ? किं पयच्छामो ? किणा वा ते अट्ठो ? ११६ तए ण से उद्दायणे राया केसि राय एव वयासी - इच्छामि ण देवाणुप्पिया ! कुत्तियावणाश्रो रयहरण च पडिग्गह च प्राणिय, कासवग च सद्दाविय - एव जहा ं जमालिस्स, नवर - परमावती अग्गकेसे पडिच्छइ पियविप्पयोगदूसहा ॥ ११७. तए ण से केसी राया दोच्च पि उत्तरावक्कमण सीहासण रयावेति, रयावेत्ता उद्दायण राय सेया-पीतएहि कलसेहि व्हावेति, व्हावेत्ता सेस जहा जमालिस्स १ स० पा० - ० बाहिरियं जाव पच्चष्पिणति । २. ओ० सू० ५५ । ३. भ० ११।६१ । ४. स० पा०-- राईसर जाव कारेमाणे । ५. ओ० सू० १४ । ६ भ० ६ १८०, १८१ । ७ स० पा०—श्रणेगगणनायग जाव सपरिवुडे । ८. भ० ६।१८२ । ६. भ० ६।१८४ - १८६ |
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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