SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 587
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५२६ भगवई माणी', एव गिल्लीप्रो, थिल्लीओ, अट्ठ वियडजाणाइ वियडजाणप्पवराइ, अट्ठ रहे पारिजाणिए, अट्ठ रहे सगामिए, अट्ठासे आसपवरे, अट्ठ हत्थी हत्यिप्पवरे, अट्ठ गामे गामप्पवरे दसकुल साहस्सिएण गामेण अट्ठ दासे दासप्पवरे, एव दासीओ, एव किकरे, एव कचुइज्जे, एव वरिसधरे, एव महत्तरए, ग्रट्ठ सोवण्णिए प्रोलवणदीवे, ग्रट्ट रुप्पामए प्रोलबणदीवे, अट्ठ सुवण्णरुप्पामए लवणदीवे, अट्ठ सोवण्णिए उक्कंवणदीवे', एव चेव तिणि वि, अट्ठ सोवण पजरदीवे, एव चेव तिण्णि वि, अट्ठ सोवणिए थाले, अट्ठ रुप्पामए थाले, अट्ठ सुवण्णरुप्पामए थाले, अट्ठ सोवणिया पत्तीओ' ३, अट्ट सोवणियाइ थासगाइ३, अट्ठ सोवण्णयाइ मल्लगाइ ३, अट्ठ सोवण्णियाश्रो तलियाओं ३, अट्ठ सोवण्णिया कविचिया ३, अट्ठ सोवणिए अवएडए' ३, अट्ठ सोवण्णियाश्रो अवयक्काग्रो ३, अट्ठ सोवण्णिए पायपीढए ३, अट्ट सोवण्णियाश्रो भिसिया ३, अट्ठ सोवण्णियाओ करोडिया ३, अट्ठ सोवण्णिए पल्लके ३, अट्ठ 'सोवणिया पडिसेज्जानो ३, अट्ठ हसासणाइ, अट्ठ कोचासणाइ, एव गरुलासणाई, उन्नयासणाइ, पणयासणाइ, दीहासणाइ, भद्दासणाइ, पक्खासणाई, मगरासणाइ, अट्ठ पउमासणाइ, अट्ठ दिसासोवत्थियासणाइ, ग्रट्ठ तेल्ल समुग्गे, अट्ठ कोट्ठसमुग्गे, एव पत्त-चोयग तगर - एल-हरियाल - हिंगुलय- मणोसिल जण - समुग्गे, अट्ठ सरिसव- समुग्गे, अट्ठ खुज्जाओ जहा ओववाइए जाव' अटू पारिसीओ, अट्ठ छत्ते, अट्ठ छत्तधारी चेडीओ, ग्रट्ट चामराम्रो, अट्ठ चामरधारी चेडीओ तालियटे, तालियटधारीओ चेडीओ, 'अट्ठ करोडियाओ', " अट्ट करोडियाधारीग्रो चेडीश्रो, श्रट्ट खीरधाईप्रो", "अट्ठ मज्जणधाईओ, अट्ठ मडणधाईओ अट्ठ खेल्लावणधाईप्रो°, अट्ठ अकधाईओ, अट्ठ अगमद्दिया, अट्ठ उम्मद्दियाओ अट्ठ ण्हाविया, अट्ठ पसाहिया, अट्ठ वण्णगपेसीग्रो, अट्ठ चुण्णगपेसीओो", अट्ठ कीडागारीम्रो", अट्ठ दवकारीग्रो", अट्ठ उवत्याणियाश्रो, अट्ठ नाडइज्जाश्रो, १. सदमारणी ( अ ), सदमारिण्याओ (क, ता, बम) | २. उक्कपरणदीवे (क, ख, ता, व, स ) 1 ३. 'एव तिणि वि' इति पाठस्य सूचकमङ्क मिदं सर्वत्र । ६ ग्रवपडए ( अ, स), अवयडए (ता) | ७. अवक्काओ ( अ, क, ख, ता, म ) । ८ स० पा०—जहा रायपरोरणइज्जे जाव अट्ठ | ओ० सू०७० भ० ६ १४४ | १०. x ( अ, क, ख, ता, व, म) । ४. चवलियाओ ( ख ), चवलियाओ अट्ठसो- ११ स० पा०-- खीरघाईओ जाव अट्ठ । १२. X (ख) । वणियाओ तिलियाओ (ता) | ५ कवचियाओ ( अ, ख, ता, व, म), कति - १३ कीलाकरीओ ( ता ) । १४. उवकारीग्रो (क, ता) । वियालो ( क ) |
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy