SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 544
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४८३ दसम सत (छट्ठो उद्देसो) भुजमाणे विहरित्तए । सेस जहा चमरस्स, नवर-परियारो जहा' मोउद्देसए । ६५ सक्कस्स ण देविदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो कति अग्गमहिसीओ पुच्छा । अज्जो । चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, त जहा-रोहिणी, मदणा, चित्ता, सोमा। तत्थ ण एगमेगाए देवीए एगमेगं देवीसहस्स परिवारे, सेस जहा चमरलोगपालाण, नवर-सयपभे विमाणे, सभाए सुहम्माए, सोमसि सोहासणसि, सेस त चेव । एव जाव वेसमणस्स, नवर-विमाणाइ जहा' ततियसए। ईसाणस्स ण भते । -पुच्छा। अज्जो | अट्ट अग्गमहिसीनो पण्णत्ताओ, त जहा–कण्हा, कण्हराई, रामा, रामरक्खिया, वसू, वसुगुत्ता, वसुमित्ता, वसुधरा । तत्थ ण एगमेगाए देवीए एगमेग देवीसहस्स परिवारे, सेस जहा सक्कस्स ।। ६७. ईसाणस्स ण भते । देविदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो कति अग्गम हिसीलो -पुच्छा । अज्जो । चत्तारि अग्गमहिसीनो पण्णत्तानो, त जहा-पुहवी, राई, रयणी, विज्जू । तत्थ ण एगमेगाए देवीए एगमेग देवीसहस्स परिवारे, सेस जहा सक्कस्स लोगपालाण, एव जाव वरुणस्स, नवर-विमाणा जहा' चउत्थसए, सेस त चेव जाव नो चेव' ण मेहुणवत्तिय ।। १८. सेव भते । सेव भते । त्ति ॥ छट्ठो उद्देसो सुहम्मा सभा-पदं ६६. कहि णि भते । सक्कस्स देविदस्स देवरण्णो सभा सुहम्मा पण्णत्ता ? ___गोयमा । जबुद्दीवे दीवे मदरस्स पव्वयस्स दाहिणे ण इमीसे रयणप्पभाए पुढ १ भ०३।१६। २ भ०१०७०-७२। ३ भ०३।२५०, २५१, २५६,२६१,२६६ । ४ भ० १०६२-६४/ ५ भ० ४।२-४। ६ भ० १०१६७-६६ । ७ भ० ११५१ ।
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy