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________________ ५१ सत्ति - पदं ११३, सक्कस्स सत्ति पद ११५, जभगदेव पद ११७, सरूवि - सकम्मलस्से- पद १२३, १२६, इट्ठाणिट्ठादि-पोग्गल - पद १२९ देवाण भासासहस्स-पद - अत्ताणत्त-पोग्गल-पद १३०, सूरिय-पद १३२ समणाण तेयलेस्सा- पद १३६ केवलि-पद १३८ । पन्नरसमं सतं सू० १-१६० पृ०-६५४-७०ε ६०, गोसालग पद १, भगवओ विहार- पद २०, पढम - मासखमण- पद २२, दोच्च - मासखमण - पद ३० तच्च-मासखमण-पद ३७, चउत्थ- मासखमण - पद ४४, गोसालस्स सिस्सरूवेण अगीकरण - पद ५३, तिलथभय-पद ५७, वेसियायण - वालतवस्सि - पद तिलथभय - निप्पत्तीए गोसालम्स अवक्कमण-पद ७२, गोसालस्स तेयलेस्सुप्पत्ति - पद ७६, गोसालस्स पुव्वकहाउवसहार-पद ७७, गोसालस्स ग्रमरिस-पद ७६, गोसालस्स आणदथे रसमवखे अवकोसपदसणपद ८२, आणदथेरस्स भगवओ निवेदण-पद ६७, आणदथेरेण गोयमाइण अणुण्णवण - पद ε६, गोसालस्स भगवत पर अक्कोसपुव्व ससिद्धत निरूवण- पद १०१, भगवया गोसालगवयणम्स पडियार-पद १०२, गोसालस्स पुणरवकोस- पद १०३, गोसालेण सव्वाणुभूतिरस भासरामिकरण- पद १०४, गोसालेण सुनक्खत्तस्स परितावण-पद १०७, गोसालेण भगवओ वहाए तेयनिसिरण-पद ११०, सावत्थिए जणपवाद-पद ११५, गोसालेण समणाण पसिणवागरण-पद ११६, गोसालस्स सघभेद - पद ११६, गोसालस्स पडिगमण - पद १२०, गोसालेण नाणासिद्धत- परूवण - पदं १२१, अयपुल - आजीविओवासय-पद १२८, गोसालस्स अप्पणो नीहरण- निद्देस-पद) १३६, गोसालस्स परिणाम - परिवत्तणपुव्व कालधम्म- पद १४१, गोसालस्स नीहरण-पद १४२, भगवओ रोगायक पाउब्भवण- पद १४३, सीहस्स माणसियदुक्ख पद १४७, भगवया सीहस्स आसासण-पद १४६, सीहेण रेवईए भेसज्जाणयणपदं १५३, भगवओो आरोग्ग- पद १६२, सव्वाणुभूतिस्स उववाय पद १६४, सुनक्खत्तस्स उववाय-पद १६५, गोसालस्स भवव्भमण-पद १६६ । ' सोलसम सतं सू० १-१३४ पृ० ७१०-७३७ वाउयाय-पद १, अगणिकाय-पद ५, कतिकिरिय-पद ६, अधिकरणी - अधिकरण- पद जीवाण जरा-सोग- पद २८, सक्कस्स ओग्गह- अणुजाणणा- पद ३३, सक्क - सवधि - वागरणपद ३५, चेय-अचेय-कड - कम्म पद ४१, कम्म पद ४४, असिया-छेदणे वेज्जस्स किरिया - पद ४७, नेरइयाण निज्जरा-पद ५१, सक्क्स्स उक्खित्तपसिणवागरण-पद ५४, गगदत्तदेवस्स सदव्भे परिणममाण-परिणय-पद ५५, गगदत्तदेवस्स अप्पविसए पसिण-पद गंगदत्तदेवेण नट्टउवदसण-पद ६१, गगदत्तदेवस्स पुव्वभव पद ६५, सुविण - पद ७६, भगवओ महामुमिण-दसण- पद ६१, सुविण फल-पद २, गध-पोग्गल - पद १०६, लोगस्स च॑रिमते जीवाजीवादिमग्गणा - पद ११०, परमाणुपोग्गलस्स गति-पद ११६, किरिया - पद ५६, 3
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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