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________________ २६३ सत्तम सत (सत्तमो उद्देसो) पादपु छण गेण्हमाणस्स वा निक्खिवमाणस्स वा, तस्स ण भते । कि इरियावहिया' किरिया कज्जइ ? संपराइया किरिया कज्जइ ? गोयमा । सवुडस्स ण अणगारस्स आउत्त गच्छमाणस्स जाव तस्स ण इरियावहिया किरिया कज्जइ, नो सपराइया किरिया कज्जइ ।। १२६ से केणतुण भते । एव वुच्चइ-सवुडस्स ण अणगारस्स आउत्त गच्छमाणस्स जाव नो सपराइया, किरिया कज्जइ ? गोयमा । जस्स ण कोह-माण-माया-लोभा वोच्छिण्णा भवति, तस्स ण इरियावहिया किरिया कज्जइ', 'जस्स ण कोह-माण-माया-लोभा अवोच्छिण्णा भवति, तस्स ण सपराइया किरिया कज्जइ । अहासुत्त रीयमाणस्स इरियावहिया किरिया कज्जइ°, उस्सुत्त रीयमाणस्स सपराइया किरिया कज्जइ । से ण अहासुत्तमेव रीयइ । से तेण?ण गोयमा । एव वुच्चइ-सवुडस्स ण अणगारस्स पाउत्त गच्छमाणस्स जाव नो सपराइया किरिया कज्जइ ।। काम-भोग-पदं १२७. रुवी भते | कामा ? अरूवी कामा ? गोयमा | रूवी कामा, नो अरूवी कामा ।। १२८ सचित्ता भते | कामा ? अचित्ता कामा ? गोयमा | सचित्ता वि कामा, अचित्ता वि कामा ।। जीवा भते । कामा ? अजीवा कामा ? गोयमा । जीवा वि कामा, अजीवा वि कामा । १३० जीवाण भते | कामा? अजीवाण कामा ? गोयमा | जीवाण कामा, नो अजीवाण कामा । १३१ कतिविहा ण भते | कामा पण्णत्ता ? गोयमा | दुविहा कामा पण्णत्ता, त जहा-सदा य, रूवा य ।। १३२ रूवी भते । भोगा ? अरूवी भोगा? गोयमा | रूवी भोगा, नो अरूवी भोगा ।। १३६ सचित्ता भते । भोगा ? अचित्ता भोगा ? गोयमा । सचित्ता वि भोगा, अचित्ता वि भोगा ।। १३४ जीवा भते | भोगा ? 'अजीवा भोगा? गोयमा | जीवा वि भोगा, अजीवा वि भोगा ॥ १ रिया० (ब)। २ स० पा०-तहेव जाव उस्सुत्त । ३ तुलना-भ० ७२०, २१ । ४ रूवि (अ, क, ता, व, म, स)। ५ स० पा०-भोगा पुच्छा।
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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