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________________ भगवई ५६. सेकेण?णं जाव नो तं वेदिस्संति ? गोयमा ! कम्मं वेदिस्संति, नोकम्म निजरिस्संति । से तेणट्रेणं जावनी निज्जरिस्मंति ।। ८७. एव नेरइया वि जाव वेमाणिया । - से नण भंते ! जे वेदणासमए से निज्जरासमए ? जे निज्जरासमए से वेदणा समए ? णो इणद्वे समढे ॥ ८४ से केणट्रेण भते । एव वुच्चइ-जे वेदणासमए न से निज्जरासमए ? जे निज्जरासमए न से वेदणासमए ? गोयमा ! ज समयं वेदेति नो त समय निज्जरेति, ज समय निज्जरेति नो तं समय वेदेति-अण्णम्मि समए वेदेति, अण्णम्मि समए निज्जरेति । अण्णे से लेटणासमए, अण्णे से निज्जरासमए । से तेणतुण जाव न से वेदणासमए, न से निज्जरासमए ॥ नेरइया णं भते ! जे वेदणासमए से निज्जरासमए ? जे निज्जरासमए से वेदणासमए ? गोयमा ! णो इणटे समढ़े। र से केणट्रेण भते । एव वुच्चइ-नेरइया ण जे वेदणासमए न से निज्जरासमए ? जे निज्जरासमए न से वेदणासमए ? गोयमा | नेरइया ण ज समय वेदेति नो त समय निज्जरेति, ज समय निज्जरेति नो त समय वेदेति-अण्णम्मि समए वेदेति, अण्णम्मि समए निज्जरेति । अण्णे से वेदणासमए, अण्णे से निज्जरासमए । से तेणटेण जाव न से वेदणासमए । ६२ एव जाव वेमाणियाण ॥ सासय-प्रसासय-पदं ६३ नेरइया ण भते ! कि सासया ? असासया ? गोयमा | सिय सासया, सिय असासया ।। ६४ से केणटेण भते ! एव वुच्चइ-नेरइया सिय सासया ? सिय असासया ? गोयमा । अव्वोच्छित्तिनयट्ठयाए सासया, वोच्छित्तिनयट्टयाए असासया। से तेण?ण जाव सिय सासया, सिय असासया ।। ६५. एव जाव वेमाणिया जाव सिय असासया ।। ६६. सेवं भते ! सेव भते । त्ति ॥ १ भ० ११५१ ।
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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