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________________ सत्तम सतं (पढमो उद्देसो) २७५ माणस्स वा, निक्खिवमाणस्स वा तस्स णं भंते ! किं' रियावहिया किरिया कज्जइ ? संपराइया किरिया कज्जइ? गोयमा ! नो रियावहिया किरिया कज्जइ, सपराइया किरिया कज्जइ। से केणद्वेण? गोयमा ! जस्स ण कोह-माण-माया-लोभा वोच्छिण्णा' भवति तस्स ण रियावहिया किरिया कज्जइ', जस्स ण कोह-माण-माया-लोभा अवोच्छिण्णा भवति तस्स ण सपराइया किरिया कज्जई। अहासुत्त रीयमाणस्स रियावहिया किरिया कज्जइ, उस्सुत्त रीयमाणस्स सपराइया किरिया कज्जइ । से ण उस्सु त्तमेव रीयती । से तेणटेणे ॥ सइंगालादिदोसदुट्ठ-पाणभोयण-पदं २२. अह भते । सइगालस्स, सधूमस्स, सजोयणादोसदुद्रुस्स पाण-भोयणस्स के अट्टे पण्णत्ते? गोयमा । जे ण निग्गथे वा निग्गथी वा फासु-एसणिज्ज असण-पाण-खाइमसाइम पडिग्गाहेत्ता मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववन्ने आहारमाहारेइ, एस ण गोयमा | सइगाले पाण-भोयणे। जे ण निग्गथे वा निग्गथी वा फासु-एसणिज्ज असण-पाण-खाइम-साइम पडिग्गाहेत्ता महयाअप्पत्तिय कोहकिलाम करेमाणे आहारमाहारेइ, एस ण गोयमा ! सधूमे पाण-भोयणे। जे ण निग्गथे वा' निग्गथी वा फासु-एसणिज्ज असण-पाण-खाइम-साइम पडिग्गाहेत्ता गुणुप्पायणहेउ अण्णदव्वेणं सद्धि सजोएत्ता आहारमाहारेइ, एस ण गोयमा । सजोयणादोसदुद्धे पाण-भोयणे । एस ण गोयमा | सइगालस्स, सधूमस्स, संजोयणादोसदुवस्स पाण-भोयणस्स अट्टे पण्णत्ते ॥ २३ अह भते | वीतिगालस्स, वीयधूमस्स, सजोयणादोसविप्पमुक्कस्स पाण-भोय णस्स के अटे पण्णत्ते? गोयमा । जे ण निग्गथे वा निग्गथी वा फासु-एसणिज्ज असण-पाण खाइम १. ४ (क, ता, ब)। ५ रियति (अ, क, व, म, स)। २. विच्छिण्णा (ब)। ६. स० पा०-निग्गथे वा जाव पडिग्गाहेत्ता। ३. कज्जइ नो सपराइया किरिया कज्जइ (म)। ७. गुणप्पयाण ° (अ, स), गुणुप्पायणा (ता) ४ कज्जइ नो इरियावहिया किरिया कज्जइ 5 स० पार-निग्गथे वा जाव पडिग्गाहेत्ता। (म, स)।
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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