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________________ पचमं सत (छट्ठो उद्देसो) २११ कयविक्कए किरिया-पदं १२८. गाहावइस्स ण भंते ! भड विक्किणमाणस्स केइ भड अवहरेज्जा, तस्स ण भते! 'भड अणुगवेसमाणस्स" कि आरभिया किरिया कज्जइ ? पारिग्गहिया' किरिया कज्जइ ? मायावत्तिया किरिया कज्जइ ? अपच्चक्खाणकिरिया कज्जइ ? मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जइ ? । गोयमा ! प्रारभिया किरिया कज्जड, पारिग्गहिया किरिया कज्जइ, मायावत्तिया किरिया कज्जइ, अपच्चक्खाणकिरिया कज्जड, मिच्छादसणकिरिया सिय कज्जइ, सिय नो कज्जइ । अह से भडे अभिसमण्णागए भवइ, तनो से पच्छा सन्वाओ तानो पयणुई भवति ॥ १२६. गाहावइस्स ण भते । भड विक्किणमाणस्स कइए' भड साइज्जेजा, भडे य से अणुवणीए सिया। गाहावइस्स ण भते । तानो भडायो कि पारभिया किरिया कज्जइ ? जाव' मिच्छादसणकिरिया कज्जइ ? कइयस्स वा तातो भडाओ किं पारभिया किरिया कज्जइ ? जाव मिच्छादसणकिरिया कज्जइ? गोयमा । गाहावइस्स तायो भडामओ आरभिया किरिया कज्जइ 'जाव' अपच्चक्खाणकिरिया कज्जइ । मिच्छादसणकिरिया' सिय कज्जइ, सिय नो कज्जइ । कइयस्स ग ताओ सव्वानो पयणुईभवति ।। १३० गाहावइस्स ण भते । भड विक्किणमाणस्स' कडए भड साइज्जेजा, भडे से उवणोए सिया। कइयस्स ण भते । तानो भडायो किं पारभिया किरिया कज्जइ ? जाव' मिच्छादसणकिरिया कज्जइ ? गाहावइस्स वा ताग्रो भडायो कि आरभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादसण किरिया कज्जइ ? गोयमा ! कइयस्स तारो भडायो हेट्ठिलामो चत्तारि किरियाओ कज्जति । मिच्छादसणकिरिया भयणाए । गाहावइस्स ण तायो सव्वानो पयणुईभवति । १. त भडय गवस ° (व, म)। ६ जाव अपच्चक्खाण मिच्छादसणवत्तिया० २. परि० (अ, स)। (अ, स), जाव मिच्छादसणवत्तिया° (क, ३. कतिए (क, ता, ब, म, स)। ता, म), जाव मिच्छादसण ° (ब)। ४. भ० ५।१२८ । । ७. स० पा०-विक्किणमाणस्स जाव भडे । ५ भ० ५।१२८ । 5. भ० ५।१२८ ।
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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