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________________ तीपइम सत ( पढमो उद्देसो) ६६३ 1 जहा सलेस्सा । नोसण्णोवउत्ता जहा मणपज्जवनाणी । सवेदगा जाव नपुसग - वेदगा जहा सलेस्सा । श्रवेदगा जहा अलेस्सा । सकसायी जाव लोभकसायी जहा सलेस्सा । ग्रकसायी जहा अलेस्सा । सजोगी' जाव कायजोगी जहा सलेस्सा । ग्रजोगी जहा ग्रलेस्सा। सागारोवउत्ता य अणागारोवउत्ता य जहा सलेस्सा ॥ 1 २३ किरियावादी ण भते । नेरइया कि नेरइयाउय – पुच्छा | गोमा नो नेरइयाउय पकरेति, नो तिरिक्खजोणियाउय पकरेति, मणुस्साय पकरेति, नो देवाउय पकरेति ॥ २४ ग्रकिरियावादी ण भते । नेरइया -पुच्छा । गोयमा । नो नेरइयाउय, तिरिक्खजोणियाउय पिपकरेति, मणुस्साउय पि करेति, नो देवाउय पकरेंति । एव ग्रण्णाणियवादी वि, वेणइयवादी वि ॥ २५ सलेस्साण भने । नेरइया किरियावादी कि नेरइयाउय ० ? एव सव्वे वि नेरइया जे किरियावादी ते मणुस्साउय एग पकरेति, जे प्रकिरियावादी अण्णाणियवादी वेणइयवादी ते सव्वट्टाणेसु वि नो नेरइयाउय पकरेति, तिरिक्ख जोगियाज्यपि पकरेति, मणुस्माउयपि पकरेति, नो देवाउय पकरेति, नवर - सम्मामिच्छते उवरिल्ले हि दोहि विसमोसरणेहि न किचि विपकरेति जव जीवपदे । एव जाव थणियकुमारा जहेव नेरइया ॥ २६ अकिरियावादी ण भते । पुढविक्काइया - पुच्छा । गोयमा । नानंरइयाउय पकरेति, तिरिक्ख जोणियाउय पकरेति, मनुस्साय पकरेति, नो देवाउय पकरेति । एव प्रण्णाणियवादी वि ॥ I २७ सलेस्सा ण भते । एव ज ज पद प्रत्थि पुढविकाइयाण तहिं तहिं मज्झिमेसु दो समोसरणेसु एवं चैव दुविह प्राउय पकरेति, नवर - तेउलेस्साए न किपि पकरेति । एव आउक्काइयाण वि, वणस्सइकाइयाण वि । तेउकाइग्रा वाउकाइग्रा सव्वट्ठाणेसु मज्झिमेसु दोसु समोसरणेसु नो नेरइयाउय पकरेति, तिरिक्खजोणियाउय पकरेति, नो मणुस्साउय पकरेति, नो देवाउय पकरेति । वेइदिय-तेइदिय-चउरिदियाण जहा पुढविकाइयाण, नवर - सम्मत्त-नाणेसु न एक्क पाय पकरेति ॥ २८ किरियावादी ण भते । पचिदियतिरिक्खजोणिया कि नेरइयाउय पकरेति— पुच्छा । गोयमा । जहा मणपज्जवनाणी । अकिरियावादी अण्णाणियवादी वेणइयवादी य चउव्विह पि पकरेति । जहा ओहिया' तहा सलेस्सावि ॥ १ सजोती ( ख ) । २ ओविता (ता) |
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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