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________________ PREPAXEXICAXIERXXXXXXxxxzernsar ExcexerYANE KExexxwxx sexs ( 33 ) बड़े बड़े कुस्तीवाजों से भिड़ता है / एक दीर्घ वी , वनता है और दूसरा सौ यत्न होते रहने पर भी अकाल में यम का अतिथि बन जाता है। एक की इच्छा सयत होती है / और दूसरे की असंयत। जो शक्ति भगवान महावीर, वुद्ध और शंकराचार्य में थी वह उनके माता पितालों में न थी। हेमचन्द्राचार्य की प्रतिभा 1 के कारण उनके माता पिता नहीं माने जा सकते, उनके गुरु भी उनकी प्रतिभा के मुख्य कारण नहीं क्योंकि देवचन्द्र सूरि के हेमचन्द्र के अतिरिक्त और भी शिप्य थे फिर य कारण है कि दूसरे शिष्यों का नाम लोग जानते तक नहीं और। के हेमचन्द्राचार्य का नाम इतना प्रसिद्ध है ? वर्तमान युग के नेता अहिंसाधर्म के प्रचारक प्रतिभा और सदाचार से युक्त महात्मा गाँधी जी में जो आत्मिक शक्ति है वह उनके माता पिता में न थी, न उनके माता पिता उनकी आत्मिक शक्ति के कारण माने जा सकते हैं / श्रीमती एनी विसेंट में जो विशिष्ट शक्ति देखी जाती है वह उनके माता पिताओं में न थी और न उनकी पुत्री में देखी गई है। अच्छा, और भी कुछ प्रामाणिक उदाहरणों को सुनिएप्रकाश की खोज करने वाले डा० यंग दो वर्ष की अवस्था में पुस्तक को यहुन अच्छी तरह वॉच सकते थे। चार वर्ष की अवस्था में वे दो वार वाइविल पढ़ चुके थे। सात वर्ष की अवस्था में उन्होंने गणित शास्त्र पढ़ना प्रारंभ किया था और तेरह वर्ष की अवस्था में लेटिन, श्रीक, हिब्रू, फ्रेंच, इटालियन श्रादि मापाएँ सीख ली थीं। सर विलियम रोवन हेमिल्ट ने तीन A वर्ष की अवस्था में हिब्रू भाषा को सीखना आरंभ किया और xATARAKERKARYANARTrxxxxxx ICORIXxxmmmxxn XXXHXmxxnxxcxx XXXCERRERAKrixnx
SR No.010866
Book TitleJain Dharm Shikshavali Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
Publisher
Publication Year
Total Pages206
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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