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________________ ( 161 ) 10 अगर दुनिया में हाजनमन्दों की तादाद अधिक है तो इसका कारण यही है कि ये लोग जो तप करते हैं, थोड़े है, श्रार जो तप नहीं करते हैं, उनकी संख्या अधिक है। अहिंसा 1 अहिंसा सब धर्मों में श्रेष्ठ है / हिंसा के पीछे हर तरह पाप लगा रहता है। / .. 2 हाजतमन्द के साथ अपनी रोटी वाट कर खाना और हिसा से दूर रहना यह सब पैगम्बर के समस्त उपदेशों में श्रेष्ठतम उपदेश है। अहिंसा सय धर्मों में श्रेष्ठ धर्म है। सचाई का दर्जा उसके बाद है। 4 नेक रास्ता कौन सा है ? यह वही मार्ग है जिस में इस वात का खयाल रखा जाता है कि छोटे से छोटे जानवर को भी मारने से किस तरह बचाया जावे। 5 जिन लोगों ने इस पापमय सांसारिक जीवन को त्याग दिया है, उन सव में मुख्य वह पुरुप है जो हिंसा के पास से डर कर अहिंसा मार्ग का अनुसरण करता है। 6 धन्य है वह पुरुष जिसने अहिंसा व्रत धारण किया है। मौत जो सब जावों को खा जाती है, उसके दिनों पर हमला नहीं करती। 7 हमारी जान पर भी था बने तव भी किसी की प्यारी जान मत लो। = लोग कह सकते हैं कि पलि देने से बहुत सारी निया YamaroxexxwwXXXXXXEEEEXXXXX दिया है, उमार्ग का अहिंसा व्रत Imrnrirecxxe XxoxxnETE पर हमला
SR No.010866
Book TitleJain Dharm Shikshavali Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
Publisher
Publication Year
Total Pages206
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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