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________________ मन पूर्ववत् किसे कहते हैं। | जैसे किसी स्त्री का पुत्र वाल्यावस्था में कहीं चला गया जब फिर वह अपने नगर में भागया तब उसकी माता ने उसके पूर्व चिन्हों को देख कर निश्चय किया कि-यह पेरा ही पुत्र है तथा बाढ़ का ज्ञान धूम के चिन्ह देखने से आग का ज्ञान इत्यादि को पूर्ववत् कहते हैं। शेषग्न के कितने भेद हैं। पांच । उनके नाम बतलाओं। | कार्य, कारण, गुण,अवयव, भाभय, कार्य किसे कहते हैं। कारण से कार्य का ज्ञान होना जैसे शख के शन्द से शंख का ज्ञान इत्यादि , कारण किसे कहते हैं। | कारण से कार्य की उत्पचि होना-जसे-तंतुओं से वस्त्र, ।मृपिएट से घट इत्यादि,
SR No.010863
Book TitleJain Dharm Shikshavali Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherShivprasad Amarnath Jain
Publication Year1923
Total Pages788
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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