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________________ ५८६ बेमसम्पदामशिक्षा । गौढवाड, गुजरात तथा काठियावाड़ की समस्त बारह न्यातें ॥ संस्था माम न्यात संस्पा नाम न्मात संस्था नाम न्यात संख्या नाम मात्र १ भीमाउ : पित्रवार ७ पोरगार १० महेश्वरी २ भीभीमाल ५ पालीवास ८ सम्पास ११ टळपास । ओसमान ६ यमेरपाठ ९ मेहतवाल १२ परसौर यह परम पध्याय का बारह न्याठवर्णन नामक पाँचों प्रकरण समाप्त हुभा ॥ छठा प्रकरण-चौरासी न्यातवर्णन ॥ चौरासी न्यातों तथा उन के स्थानों के नामों का विवरण ॥ संस्सा माम न्यास सान से संख्या नाम त्यात सान से १ भीमाल भीनमास से वाग से २ श्रीमीमास इखिनापुर से १५ पौग नमकोट से ३ श्रीसम्म श्रीनगर से १६ कॉकरिमा फरोमै से . भीगुरु मामूना गेगा से १७ सरमा सेरणा से ५ भीगौर सिरपुर से १८ सगयता सपा से ६ अगरवास भगरोहा से १५ सेमवास सेमानगर से ७ भयमेरा मममेर से २० सरस्वाग सँरेगनगर से ८ भगौभिया भयोप्या से गंगरारा गैंगराह से ९ भसमिया आरमपुर से २२ गाहिन्नास गौरिगढ़ से भवकपवास भगिर भामानगर से २३ गौरपाठ भोसपास मोसिपी नगर से २१ गोगवार गोगा से १२ क्या सद से २५ गादोरिया गीजरगड़ से १५ मेरा करमेर से २६ पोर रणबभषधरा गद महाती से १-न में है HिIोरम से भयान तेवपा रौरा सौर से पारे । परप्रसार प्रथम ठिस 0. - मन जिम १ स्थानों पर पति एम (पामों के। गोमगर से
SR No.010863
Book TitleJain Dharm Shikshavali Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherShivprasad Amarnath Jain
Publication Year1923
Total Pages788
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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