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सप पर अपने हायों से पनपति का स्पर्शवा भौर पपन में पौरों को सपश्य दवा है कि-नुम भा पर मा यो परन्तु स्वयं पसा मन सामे का नहीं
इसी मार पदि पपन स मस्पारुपान पिया हमारे व एस मन और भाप से प्रत्यारूपान महीने वा माप प्रमुफ कार्य नही कस्गा तब हमके पौरों मे ार्य रामे पापोरोपिए हुए रोंदी पनु मोदना परना इन पावों पा स्पाग मही रेस में सिदामा लिमिस मकार मे मस्यास्पाम कर शिया है फिर पसको सी प्रकार पालन करमा पारिए ।
पदि फरव समप सयं मान मी १ वा एरु को पित रि-मत्पासपान परने पाछे को मत्साम्पाम २ भदों का समभन देपे पर इस प्रकार से पार्य किया माएमा वा धर्म में दोप नहीं लगेगा पस इसी क्रम का पांगे कासरे।
पागों जान पर एक व्यक्ति को होना चाहि मिस म पर इस पूर्वक कप प्ररण करने में समर्थ
नाए।