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________________ 20 r ur 9 v चतुर्थ अध्याय ॥ ४४७ अंग्रेजी में अवस्था के अनुसार दवा देने की देशी मात्रा ।। पूरी अवस्था के आदमी को पूरी मात्रा का परिमाण (१ भाग गिनें तो)॥ संख्या अवस्था ॥ माना॥ १ १ से ३ महीने के बालक को । पूरी मात्रा का ३६ ॥ २ ३ से ६ महीने के बालक को । पूरी मात्रा का ॥ ३ ६ से १२ महीने के बालक को ।। पूरी मात्रा का ३३॥ १ से २ वर्ष के बालक को ॥ पूरी मात्रा का है॥ २ से ३ वर्ष के बालक को ॥ पूरी मात्रा का ॥ ६ ३ से ४ वर्ष के बालक को । पूरी मात्रा का ॥ ४ से ७ वर्ष के बालक को॥ पूरी मात्रा का ॥ ८ ७ से १४ वर्ष के बालक को ॥ पूरी मात्रा का ३॥ ९ १४ से २१ वर्ष के जवान को । पूरी मात्रा का ॥ १० २१ से ६० वर्ष के पूर्णायु पुरुप को ॥ पूर्ण मात्रा देनी चाहिये ॥ विशेष वक्तव्य-एक महीने के बच्चे को एक वायविडग के दाने के वजन जितनी दवा देनी चाहिये, दो महीने के बच्चे को दो दाने जितनी दवा देनी चाहिये, इसी क्रम से प्रति महीने एक एक वायविड़ग जितनी मात्रा बढ़ाते जाना चाहिये, इस प्रकार से १२ महीने के बालक को बारह वायविडंग जितनी दवा चाहिये, जिस प्रकार बालक की मात्रा अवस्था की वृद्धि में बढ़ा कर दी जाती है उसी प्रकार साठ वर्ष की अवस्था के पीछे वृद्ध पुरुप की मात्रा धीरे २ घटानी चाहिये अर्थात् साठ वर्षतक पूरी मात्रा देनी चाहिये पीछे प्रति सात २ वर्ष से ऊपर लिखे क्रम से मात्रा को कम करते जाना चाहिये परन्तु धातु की भस्म तथा रसायनिक दवा की मात्रा एक राई से लेकर अधिक से अधिक एक वाल तक भी दी जाती है । अंग्रेजी-मात्रा॥ अधिक से अधिक अधिक से अधिक अधिक से अधिक एक औंस वजन ॥ एक ड्राम वजन ॥ एक स्कुपल वजन। १ १ से ६ महीनेतक॥ २४ ग्रेन ॥ ३ ग्रेन ॥ १ ग्रेन ॥ २ २ से १२ महीनेतक॥ २ स्क्रुपल ॥ ५ ग्रेन ॥ १॥ ग्रेन ॥ ३ १ से २ वर्षतक ॥ १ ड्राम ॥ ८ ग्रेन ॥ २॥ ग्रेन ॥ ४ २ से ३ वर्षतक ॥ १। ड्राम ॥ ९ ग्रेन ॥ ३ ग्रेन ॥ १-यह विषय प्राय देशी दवा के विषय में समझना चाहिये, अर्थात् अवस्था के अनुसार देशी दवा की माना यह समझनी चाहिये। सख्या अवस्था।
SR No.010863
Book TitleJain Dharm Shikshavali Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherShivprasad Amarnath Jain
Publication Year1923
Total Pages788
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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