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(NE) मन- मगान् । पपम मम्म नाम ( मोच पाने पाखे ) रामसम्म पोष ( मोचन माने पा) ।
रचर- मोरगमन पोम्प का अपम्प या 'मी दानों प्रकार के बीच भवादि ।
मम-रे भगान् ! अपम मोहम्मा संसार है। पचर-गेह! दोनों ही मनादिर।
प्रम-रे मगन् । मपम सिद्र (प्रमर भमर )* पा ससार।
पचर-रेगो संसार भास्मा पा मार मास्मा पा दोनों मादिरे निको पथमा अापम मी का मासकला-क्योंकि-मादि महीं है इसलिये पोष मास्मा और संमार मास्मा यादोनो भनादिर (सिद मास्मामी का नाम सिर)
प्रम- मगान् ! मयप महा और पीये गाड़ी पा प्रथम डी पी भटा।
उत्तर-रे गोर! अंग कहां से प्रसन्न पाता भगवन् । कड़ी से, फिर हड़ी से उत्पन्न होवी पगन् । मंगस रे! बरस मार से दोनी