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________________ ४०८ रायचन्द्रजैनशास्त्रमालायाम् तान्येतानि हृदि स्फुरन्ति सुभगन्यासानि भव्यात्मनां __ ये वाञ्छन्त्यनिशं विमुक्तिललनासम्भोगसंभावनाम् ॥ ११५॥ अर्थ-श्रीवीर वर्द्धमानखामीरूप चन्द्रमाके उदय होते हुए जे उन्नतबुद्धि मुनि हैं वे शास्त्ररूपी समुद्रको मथकर, सुन्दर है रचना जिनकी ऐसे मंत्ररूप तत्त्वोंको ( रनोंको) निकालते हैं. और ये सब मंत्रपदरूप रत्न मुक्तिरूपी स्त्रीके संभोगकी निरंतर वांछा करनेवाले भव्य पुरुषोंके ही हृदयमें स्फुरायमान होते हैं । भावार्थ-जो मुक्ति चाहनेवाले हैं वे इन मंत्ररूप पदोंका अभ्यास करें ॥ ११५॥ विलीनाशेषकर्माणं स्फुरन्तमतिनिर्मलम् ।। खं ततः पुरुषाकारं खाङ्गगर्भगतं स्मरेत् ॥ ११६ ॥ अर्थ-इन मंत्रपदोंके अभ्यासके पश्चात् विलय हुए हैं समस्त कर्म जिसमें ऐसे अतिनिर्मल स्फुरायमान अपने आत्माको अपने शरीरमें चिंतवन करै (ध्यान करै)। भावार्थइन मंत्रपदोंके अभ्याससे विशुद्धता वढती है और चित्त एकाग्र हो जानेपर शुद्धखरूपका निर्मल प्रतिभास होता है और उस स्वरूपमें उपयोग स्थिरताको प्राप्त होता है तथा बड़ा संवर होता है और कर्मोकी निर्जरा होती है तथा घातिकौंका नाश करके केवल ज्ञानको प्राप्त हो, मोक्षको पाता है ।। ११६ ॥ इस प्रकार यह मंत्रपदोंका ध्यान मोक्षका महान् उपाय है और लौकिक प्रयोजन भी इससे अनेक प्रकारके सिद्ध होते हैं । अणिमा महिमादिक ऋद्धियें प्राप्त होती हैं परन्तु मोक्षके इच्छक मुनियोंको इनसे कुछ प्रयोजन नहीं है ।। __ यहां कोई पूछ कि गृहस्थ इन मंत्रोंका ध्यान करै कि नहीं ! उसका समाधान यह है कि जैसा ध्यान मुनिके होता है वैसा गृहस्थके होता ही नहीं परंतु जो अपनी शक्तिके अनुसार धर्मार्थी होकर ध्यान करै तो शुभ फलकी प्राप्ति होती है । लौकिक प्रयोजन विषयकषाय साधनेके लिये आकर्षण विद्वेषण उच्चाटन मारण आदिके लिये करनेका मोक्षमार्गमें निषेध किया है ॥ अडिल्ल । अक्षरपदको अर्थ रूप ले ध्यानमें। जे ध्यावे इम मन्त्ररूप इक तानमें॥ ध्यानपदस्थ जु नाम कह्यो मुनिराजने। जे यामे व्है लीन लहै निजकाजने ॥ ३८॥ इति श्रीशुभचंद्राचार्यविरचिते योगप्रदीपाधिकारखरूपज्ञानार्णवे पदस्थध्यानवर्णनं नामाष्टत्रिंशं प्रकरणम् ॥ ३८ ॥
SR No.010853
Book TitleGyanarnava
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Baklival
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year1913
Total Pages471
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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