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________________ (३४) - सद्यायमालाः । - Saute -a -- - videow दीजीये तऊनने मान रे ॥ चेए ॥ २ ॥ क्रोध अनुबंध नवि राखीये, नांखीये वयण मुख साच रे । समकेत रत्नरुचि जोडीयें, गेडीये कुमति मति काच रे ॥ चे ॥३॥ शु६ परिणामने कारणें, चारनां शरणः धरे चित्त रे॥प्रश्रम तिहां शरण, अरिहंतनुं, जेह जगदीश जगमित्त रे॥ चे, ॥४॥ जे समोसरणमा राजता, नांजता नविक संदेह रे॥ धर्मनां वचन वरसे सदा, पुष्करावर्त जिम मेह रे ॥ चे ॥ ५ ॥ शरण वीर्जुनजे सिह नु, जे करे कर्म चकचूर रे ॥नोगवे राज्य शिवनगरनु, ज्ञान आनंद नरप्पू र रे॥चे ॥ ६॥ साधुनुं शरण त्रीजुं धरे, जेह साधे शिवपंथ रे ॥ मृ. ल उत्तर गुण जे वस्या, नव तस्या नाव निग्रंथ रे ॥चे ॥ ७॥ शरण चोयुं धरै धर्मर्नु, जेहमां वर दया लाव रे ॥ जे सुखहेतु जिनवर का, पापजल तारवा नाव रे ॥ चे॥७॥ चारनां शरण ए पडिवजे, वली नजे नावना शुइरे ॥ऽरित सवि आपणां निंदिये, जेम होये संवर वृ हिरे॥चे॥ ए॥ इहनव परन्नव आचस्यां, पाप अधिकरण मिथ्यात रे ||जे जिनाशातनादिक घणां, निंदिये तेह गुणघात रे ॥चे ॥१॥ गुरुतणां वचन ते अवगुणी, गुंपिया आप मत जाल रे ॥ बहुपरें लोकने लोलव्या, निंदिये तेह जंजाल रे ॥चे ॥११ ।। जेद हिंसा करी आ. करी, जेह वोल्या मृषावाद रे । जेह परधन हरि हरखिया, कीधलो काम ननमाद रे ॥ चे ॥१२॥ जेद धन धान्य मूळ धरी, सेविया चार कषाय रे ।। रागने षने वश हुवा, जे कीयो कलह नपाय रे ॥ चे ॥ १३ ॥ जूर जे पाल परने दियां, जे कस्वां पिशुनता पाप रे ॥ रति अरति निंद माया मृषा, वलिय मिश्यात्व संताप रे ।। चे॥ १५ ॥ पाप जे एडवां सेवीयां, तेह निंदिये त्रिकाल रे ॥ सुकृत अनुमोदना कीजिये, जिम हो ये कर्म विसराल रे ।। चे० ॥ १५ ॥ विश्व नपगार जे जिन करे, सार जिन नाम संयोग रे ॥ ते गुण तास अनुमोदिये, पुण्य अनुबंध शुन्न योग रे ॥ चे० ॥ १६ ॥ सिहनी सिता कर्मना, कयणकी नपनी जहरे ॥ जेद आचार आचार्यनो, चरणवन सिंचवा मेह रे ॥चे ॥ १७ ॥ जेह नव. मायनो गुण नलो, सूत्र सचाय परिणाम रे ।। साधुनी जे वली साधुता, मूल नत्तर गुण धाम रे ॥ चे॥ १७ ॥ जेह विरति देश श्रावकतणी, जे समकित सदाचार रे ॥ समकितदृष्टि सुरनरतो, तेह अनुमोदिये सार -wweaowwmoniumramewo --- - ATMJ-Suv4E
SR No.010852
Book TitleSazzayamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1988
Total Pages425
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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