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________________ प्रेमी-अभिनंदन - प्रथ श्री धर्मभूषण भट्टारक द्वितीय (सिंहनन्दी व्रती के सधर्मा) वर्द्धमान मुनीश्वर (सिंहनन्दी व्रती के चरणसेवक ) धर्मभूषण यति तृतीय (प्रस्तुत ) इसी प्रकार का एक शिलालेख' न० १११ ( २७४) का है, जो विन्ध्यगिरि पर्वत के अखड वागिल के पूर्व की ओर स्थित चट्टान पर खुदा हुआ है और जो गक स० १२६५ में उत्कीर्ण हुआ था । उसमें इस प्रकार परम्परा दी गई है ४६४ मूलसङ्घ -- बलात्कारगण कीत्ति (वनवासिके ) [ देवेन्द्र विशालकोत्ति 1 शुभकीत्तिदेव भट्टारक 1 घर्मभूषणदेव प्रथम अमरकीत्ति आचार्य धर्म भूषणदेव द्वितीय वर्द्धमान स्वामी इन दोनो लेखो को मिला कर ध्यान पूर्वक पढने पर विदित होता है कि प्रथम घर्मभूषण, अमरकीति श्राचार्य, धर्मभूषण द्वितीय और वर्द्धमान ये चार विद्वान् सम्भवत दोनो के एक ही है । यदि हमारी यह मान्यता ठीक है तो यहाँ एक बात विचारणीय है । वह यह कि विन्ध्यगिरि के लेख (शक स० १२६५) में वर्द्धमान का तो उल्लेख है, पर उनके शिष्य (पट्ट के उत्तराधिकारी) तृतीय धर्मभूषण का उल्लेख नही है, जिससे जान पडता है उस समय तक तृतीय धर्मभूषण वर्द्धमान के पट्टाधिकारी नही बन सके होगे और इसलिए उक्त गिलालेख में उनका उल्लेख नही आया, किन्तु इस शिलालेख के कोई बारह वर्ष बाद शक स० १३०७ (१३८५ ई०) में उत्कीर्ण हुए विजयनगर के शिलालेख न० २ मे उनका (तृतीय धर्मभूषण का ) स्पष्टतया नामोल्लेख है । अत यह महज ही अनुमान हो सकता है कि वे अपने गुरु वर्द्धमान के पट्टाधिकारी शक स० १२६५ से शक स० १३०७ मे किसी समय वन चुके थे । इस तरह अभिनव धर्मभूषण के साक्षात् गुरु श्री वर्द्धमान मुनीश्वर और प्रगुरु द्वितीय धर्मभूषण थे । अमरकीर्ति दादागुरु और प्रथम धर्मभूषण परदादागुरु थे और इसीसे हमारे विचारसे उन्होने अपने इन पूर्ववर्ती पूज्य प्रगुरु (द्वितीय धर्मभूषण) तथा परदादागुरु ( प्रथम धर्मभूषण) से पश्चाद्वर्ती एव नया बतलाने के लिए अपने को अभिनव विशेषण से विशेषित किया जान पडता है । कुछ भी हो, यह अवश्य है कि वे अपने गुरु के प्रभावशाली और मुख्य शिष्य थे । 'देखिए, शिलालेख स० पृ० २२३ 'प्रो० हीरालालजी ने इनकी निषद्या बनवाई जाने का समय शक सम्बत् १२९५ दिया है। देखिये, शिलालेख स० पृ० १३६
SR No.010849
Book TitlePremi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremi Abhinandan Granth Samiti
PublisherPremi Abhinandan Granth Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size34 MB
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