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________________ २८६ प्रेमी-अभिनदन-प्रथ बहलोल लोदी ने आक्रमण कर दिया । वडी कठिनाई से महाराज अपनी स्वतन्त्रता की रक्षा कर सके, परन्तु बाद मे इनकी शक्ति बढती ही गई और सन् १४८६ ईसवी मे वहलोल की मृत्यु के पश्चात् जव सिकन्दर लोदी गद्दी पर बैठा तो वह इनकी शक्ति से बहुत प्रभावित हुआ और इनको घोडा तथा वस्त्रो की भेंट भेजी । महाराज ने भी बदले में भेंट भेजी । कुछ समय पश्चात् फिर विद्वेष प्रारम्भ हुआ और सिकन्दर लोदी के सामने महाराज मानसिंह तोमर को अपनी शक्ति और ग्वालियर - गढ की अजेयता की अनेक बार मफल परीक्षा देनी पडी । सिकन्दर लोदी की मृत्यु के बाद इब्राहीम लोदी गद्दी पर बैठा और उसने अपने साम्राज्य की सम्पूर्ण शक्ति के साथ ग्वालियर के मान के विरुद्ध हल्ला बोल दिया । तीस हजार घोडे, तीन सौ हाथी और अगणित पैदल सैना मे गढ को घिरा छोड कर महाराज मानसिंह अपनी कीर्ति-कौमुदी की छटा छोड सन् १५१६ ईसवी में मुरधाम पवारे । ܘ महाराज मानसिंह के पूर्वज डूंगरेन्द्रदेव द्वारा निर्मित ग्वालियर - गढ की तीर्थंकरो की विशाल मूर्तियाँ अपने राज्य-काल में महाराज मानसिंह ने अनेक झीलो का निर्माण कराया। ग्वालियर की मोतीझील, जहाँ आज विशाल वाटर वर्क्स है, इन्ही महाराज की बनवाई हुई है और जटवारे और तौरघार में अनेको सिंचाई की झीलो के निर्माण का श्रेय भी इन्ही को है । इनके राज्य मे प्रजा सुखी और सन्तुष्ट थी । यही कारण है कि आज राजा मान का नाम इस प्रदेश मे 'वीर विकरमाजीत' के नाम के ममान ही समादृत है । ये महाराज कला के अत्यधिक प्रेमी थे । नाज भी ग्वालियर-गढ का प्रत्येक दर्शक गूजरी महल और मानमन्दिर के निर्माना के वास्तु कला-प्रेम की स्थायी छाप लेकर जाता है। गूजरी मृगनयना और उसके लिए राई ग्राम से जल का नल लगवाने की किवदन्ती ज्ञात होने पर उसके प्रेम का प्रमाण भी मिल जाता है । वे सगीत-कला के भी वहुत बडे प्रेमी थे, यह कम लोगो को ज्ञात है । इनके द्वारा निर्मित सगीत की 'मानकौतूहल' नामक पुस्तक की सूचना हमे काशी के श्री चन्द्रवली पाडे ने दी थी । यह जानकारी होते ही हमने उसकी खोज प्रारम्भ की। 'मध्ययुगीन - चरित्र - कोष' ग्रन्थ में यह उल्लेख प्राप्त
SR No.010849
Book TitlePremi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremi Abhinandan Granth Samiti
PublisherPremi Abhinandan Granth Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size34 MB
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