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________________ ६२ प्राचार्य श्री तुलसी कालुगणीका स्वर्गवास हुए पूरे पन्द्रह दिन नहीं हुए थे, आपने साध्वियोंको संस्कृत-व्याकरण-कालुकोमुदीका अध्ययन शुरू करवाया। वह आपके जीवनका अभिन्न कार्यक्रम बन गया । आज भी उसी रूपमें चालू है। साध्वी-शिक्षाके लिए आपने जो सफल प्रयास किया, वह आपके यशस्वी जीवनका एक समुज्ज्वल पृष्ठ होगा। ___ इस विशेष शिक्षामे शुरू-शुरूमे १३ साध्विया आई थीं। आज उनकी संख्या लगभग १५० है। साध्वी-शिक्षाके बारेमे अपने उद्गार व्यक्त करते हुए आप कई बार कहते है: "शिक्षाके क्षेत्रमें हमारी साध्विया किसीसे पीछे नहीं है। इनके पवित्र आचार-विचार, विद्यानुराग और निष्ठा प्रत्येक नारी के लिए अनुकरणीय है।"
SR No.010846
Book TitleAcharya Shree Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year
Total Pages215
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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