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________________ संघका नेतृत्व ६३ की भाद्र शुक्ला नवमीका सूर्योदय हुआ। गंगापुरकी ___ सकरी गलियोंमेसे आ आ हजारों आदमी एक विशाल चौकमे __जमा हो रहे थे। सबके चेहरेपर खुशो झलक रही थी। उनके मनोभाव खिन्नताके बाद प्रसन्नताका आलिङ्गन करते जैसे लगरहे धे। देखते-देखते चौक खचाखच भर गया। सबकी आखें प्रतीक्षामे अधीर हो रही थीं। दो-चार साधु आये। चौकके दायें ओरकी चोकी पर एक वडा पाट विछाया। उस पर श्वेत वससे पने आसनकी आभा निराली थी। मृदु-गंभीर जयघोपने प्रतीक्षाका बन्धन तोडा । मंझला पद. गौर वर्ण, सुन्दर आकार पतला शरीर, गहरे वाल, विशाल भौहें, कपालको पश करती लम्पी और चमकदार आवं, गम्भीर मुद्रा, सफेद वस्त्र धारण दिये
SR No.010846
Book TitleAcharya Shree Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year
Total Pages215
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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