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________________ दिनचर्या प्रात' चार बजे जागना और रातको दश वजे सोना, इसके बीच साधु-चर्याका पालन करना, अतिरिक्त समयमे अध्ययन, स्वाध्याय, स्मरण आदि करना, संक्षेपमे आपकी यह दिनचर्या रहती। आप घण्टो तक खडे-खड़े स्वाध्याय करते। आपने कई बार रातके पहले पहरमे तीन-तीन हजार श्लोकोंका स्मरणपुनरावर्तन किया । आप समयको बिल्कुल निकम्मा नहीं गमाते । मार्गमे चलते-चलते कहीं दो मिनट भी रुक्ना होता. वहीं स्मरण करने लग जाने। यह अध्यवसाय आपके लिए साधारण था। 'धक क्षण भी प्रमाद मत कर भगवान् महावीरके इन वाक्यको आपने अपना जीवन-सूत्र बना रखा था।
SR No.010846
Book TitleAcharya Shree Tulsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year
Total Pages215
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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