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________________ आभ्यंतर परिणाम अवलोकन-संस्मरणपोथी १ ८२१ ४३ [संस्मरण-पोथी १, पृष्ठ १००] ___काम, मान और उतावल इन तीनका विशेष संयम करना योग्य है । .: [संस्मरण-पोथी १, पृष्ठ १०१] हे जीव ! असारभूत लगनेवाले इस व्यवसायसे अब निवृत्त हो, निवृत्त ! . वह व्यवसाय करनेमें चाहे जितना बलवान प्रारब्धोदय दिखायी देता हो तो भी उससे निवृत्त हो, वृत्त! यद्यपि श्री सर्वज्ञने ऐसा कहा है कि चौदहवें गुणस्थानकमें रहनेवाला जीव भी प्रारब्धका वेदन व्ये बिना मुक्त नहीं हो सकता, तो भी तू उस उदयका आश्रयरूप होनेसे निज दोष जानकर उसका त्यंत तीव्रतासे विचार करके उससे निवृत्त हो, निवृत्त! ::. :: .. केवल मात्र प्रारब्ध हो और अन्य कर्मदशा न रहती हो तो वह प्रारब्ध सहज ही निवृत्त हो जाता - ऐसा परम पुरुषने स्वीकार किया है, परंतु वह केवल प्रारब्ध तब कहा जा सकता है कि जब प्राणांतयंत निष्ठाभेददृष्टि न हो, और तुझे सभी प्रसंगोंमें ऐसा होता है, ऐसा जब तक सम्पूर्ण निश्चय न हो। ब तक श्रेयस्कर यह है कि उसमें त्यागबुद्धि रखनी, इस बातका विचार करके हे जीव ! अब तु अल्प- . जालमें निवृत्त हो, निवृत्त ! [संस्मरण-पोथी १, पृष्ठ १०२] हे जीव ! अब तू संगनिवृत्तिरूप कालकी प्रतिज्ञा कर, प्रतिज्ञा कर ! : सर्व-संगनिवत्तिरूप प्रतिज्ञाका विशेष अवकाश देखनेमें न आये तो अंश-संगनिवृत्तिरूप इस व्यवनायका त्याग कर ! जिस ज्ञानदशामें त्यागात्याग कुछ संभव नहीं है उस ज्ञानदशाकी जिसमें सिद्धि है ऐसा तू सर्वसंगच्यागदशाका अल्पकालमें वेदन करेगा तो संपूर्ण जगतके प्रसंगमें रहे तो भी तुझे बाधरूप नहीं होगा। इस प्रकार वर्तन करनेपर भी निवृत्तिको ही सर्वज्ञने प्रशस्त कहा है, क्योंकि ऋषभ आदि सर्व परम पुरुषोंने अन्तमें ऐसा ही किया है। [संस्मरण-पोथी १, पृष्ठ १०३] सं० १९५१ के वैशाख सुदी ५ सोमके सायंकालसे प्रत्याख्यान । सं० १९५१ के वैशाख सुदी १४ मंगलसे । [संस्मरण-पोथी १, पृष्ठ १०५] क्षायोपशमिक ज्ञानके विकल होनेमें क्या देर ? ४८ [संस्मरण-पोथी १, पृष्ठ १०६] "जेम निर्मळता रे रत्न स्फटिक तणी, तेम ज जीव स्वभाव । ते जिन वोरे रे धर्म प्रकाशियो, प्रबळ कषाय अभाव रे॥". ४६ ४७ १. अर्थके लिये देखें मांक ५८४
SR No.010840
Book TitleShrimad Rajchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Jain
PublisherShrimad Rajchandra Ashram
Publication Year1991
Total Pages1068
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Rajchandra
File Size49 MB
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