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________________ १३९ २०वाँ वर्ष २८ चिंतन नही करूं। २९ शृंगार-साहित्य नही पहूँ। ३०. विशेष प्रसाद नही लूँ। ३१ स्वादिष्ट भोजन नही लें। ३२. सुगंधी द्रव्यका उपयोग नही करूं । ३३. स्नान व मजन नही करूं। ३४. ३५. काम विषयको ललित भावसे नही चाहूँ। ३६. वीर्यका व्याघात नही करूँ। ३७ अधिक जलपान नही करूँ। ३८ कटाक्ष दृष्टिसे स्त्रीको नही देखें। ३९ हँसकर बात नही करूँ । (स्त्रीसे) ४० शृङ्गारी वस्त्र नही देखू । ४१ दपती-सहवासका सेवन नही करूँ। ४२. मोहनीय स्थानकमे नही रहूँ। ४३. इस प्रकार महापुरुषोको पालन करना चाहिये । मै पालन करनेमे प्रयत्नशील हूँ। ४४ लोकनिंदासे नही डरू। ४५. राज्यभयसे त्रस्त न होऊँ। ४६ असत्य उपदेश नही हूँ। ४७ सदोष क्रिया नही करूँ। ४८ अहंपद रखू या बोलू नही । ४९ सम्यक् प्रकारसे विश्वकी ओर दृष्टि करूँ। ' ५० नि स्वार्थभावसे विहार करूँ। ५१ अन्यमे मोहनी उत्पन्न करनेवाला देखाव नही करू। ५२ धर्मानुरक्त दर्शनसे विचरण करूं। ५३. सब प्राणियोमे समभाव रखें। ५४. क्रोधी वचन नही बोलू। ५५ पापी वचन नही बोलू । ५६ असत्य आज्ञा नही हूँ। ५७. अपथ्य प्रतिज्ञा नही हूँ। ५८ सृष्टिसौदर्यमे मोह नही रखू । ५९ सुख-दुःखमे समभाव रखू। ६०. रात्रिभोजन नहीं करूं। ६१ नशीली वस्तुका सेवन नही करू। ६२ प्राणीको दुख देनेवाला असत्य नही बोलूं। ६३ अतिथिका सन्मान करूं। ६४ परमात्माकी भक्ति करूं। ६५. प्रत्येक स्वयबुद्धको भगवान मानूं।
SR No.010840
Book TitleShrimad Rajchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Jain
PublisherShrimad Rajchandra Ashram
Publication Year1991
Total Pages1068
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Rajchandra
File Size49 MB
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