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________________ ८९० श्रीमद् राजचन्द्र कहाँ मिती अङ्क ९२४ फिनके प्रति मुनिश्री लल्लुजी किस स्थानसे ववाणिया वसो ९२५ सुखलाल छगनलाल कुवरजी मगनलाल वीरमगाम कलोल वै० व० १३, १९५६ . वै० व० ३०, " वै० व० ३०, " वै० व० ३०, , जेठ सु० ११, ॥ जेठ सु० १३, ॥ जेठ सु० १३, , जेठ व० ९, , जेठ व० १०, , वसो मुनिश्री लल्लुजी सुखलाल छगनलाल चत्रभुज वेचर सुखलाल छगनलाल वीरमगाम मोरवी वीरमगाम ९२६ ९२७ ९२८ ९२९ ९३० ९३१ ९३२ ९३३ ९३४ ९३५ ९३६ ९३७ ९३८ ९३९ ९४० मनसुखलाल कीरतचद अवालाल लालचद मोरवी खभात नडियाद सभात वीरमगाम मोरवी मुनिश्री लल्लुजी अवालाल लालचद सुखलाल छगनलाल मुनिश्री लल्लुजी मुनदास प्रभुदास अवालाल लालचद .......... जेठ व० ३०, , जेठ व० ३०, , जेठ व० ३०, , आपाढ़ सु० १, ॥ आपाढ़ सु० १, , आपाढ़ व० ९, , आपाढ व० ९, , श्रा० व० ४, , श्रा० व० ५, ॥ श्रा० व० ७, , . श्रा० व० १०, , . श्रा० १० १०, , सुणाव खभात ९४२ ९४३ त्रिमोवन माणेकचद ९४४ ९४५ ९४६ ९४७ ९४८ वढवाण कम्प बवई शिव तिथ्यल-वलसाड वढवाण केम्प राजकोट ९५० । मुनिश्री लल्लुजी ९५१ : ९५२ सुखलाल छगनलाल का० सु० ५, १९५७ मगसिर व० ८, ". पोप व० १०, , फा० सु० ६, , फा० व० ३, , फा० ५० १३, , चैत्र सु० २, , चैत्र सु. ९, " चैत्र सु० ११॥, ९५३ भरुच ९५४ ९५५ रेवाशकर जगजीवन मोरवी ववई
SR No.010840
Book TitleShrimad Rajchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Jain
PublisherShrimad Rajchandra Ashram
Publication Year1991
Total Pages1068
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Rajchandra
File Size49 MB
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