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________________ स्वदेश मे उत्पन्न वस्तुओं के उद्योग मे प्रयत्नशील अथवा स्वदेश मे उत्पन्न और उद्योगशील के रूप मे वर्णित किया गया है । अजितसेन के पूर्ववर्ती आचार्यध निक ने मन्त्री को अर्थ चिन्तन मे सलग्न तथा नायक का सहायक बताया है । मन्त्री अपने राज्य मे किए गए कार्यों के प्रति उत्तरदायी होता है तथा अन्य राज्य मे गुप्तचरों को भेजकर वहाँ के क्रिया कलाप का निरीक्षण करता रहता है 12 धीरललित नायक की सिद्धि पूर्णरूपेण मन्त्री द्वारा ही होती है । 3 लक्ष्य ग्रन्थों मे मन्त्री को उक्त गुणों से विशिष्ट बताया गया है । 4 परवर्ती काल मे आचार्य विश्वनाथ अनुसार मन्त्री स्वराष्ट्र सम्बन्धी व्यवहार के सम्पादन मे सहायता करता है । वह राजा का राजनीतिक सलाहकार भी होता है 15 विश्वनाथ कृत उक्त विवेचन धनञ्जय कृत उक्त लक्षणकेसमान है । सेनापति के वर्णनीय गुण आचार्य अजितसेन के अनुसार निर्भय, अस्त्र-शस्त्र का अभ्यास, शस्त्र - प्रयोग, अश्वादि की सवारी मे पटु, राजभक्त महान परिश्रमी, विद्वान एव युद्ध मे विजय प्राप्त करने वाला इत्यादि विषयों का सेनापति के विषय में वर्णन करना चाहिये 16 1 2 3 4 5 - 6 मन्त्री शुचि क्षमी शूरोऽनुद्धतो बुद्धिभक्तिमान् । आन्वीक्षिक्यादिविद्दक्षस्स्वदेशजहि तोद्यमी ।। (क) तस्य च महामहीपते कृतज्ञ ब्राह्मण सालकायनस्य सूनु (ख) कादम्बरी शुकनास वर्णन, मन्त्री स्व वोभयवापि सरवा तस्पार्थचिन्तने । - स्वभावानुरक्त शुचि श्रुतशीलो नाम महामन्त्री । मन्त्रिणा ललित शेषा मन्त्रिस्वायत्तसिद्धय । मन्त्री स्यादर्थाना चिन्तयाम् । सेनापतिरभीरस्त्रशस्त्राभ्यासे च वाहने । राजभक्तो जितायास सुधीरपि जयी रणे ।। अ०चि० 1 / 35 सत्यपूतवाक् 2 नलचप्पू प्रथम उ० पृ0-44 दशरूपक 2/42 वही - 2 /43 सा0द0 3/43 पूर्वार्द्ध पृ० 104, लक्ष्मी टीका अ०च० 1 / 36
SR No.010838
Book TitleAlankar Chintamani ka Aalochanatmaka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArchana Pandey
PublisherIlahabad University
Publication Year1918
Total Pages276
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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