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________________ dud भेद प्रधान: (क) (ख) ग (घ) (ड) [ਚ (ख) (ग) । 2 3 साधर्म्यमूलक अलंकार. - साधर्म्य के तीन भेद होते है (क) भेद प्रधान, (ख) अभेद प्रधान, (ग) भेदाभेद प्रधान । 4 आरोप मूलक - रूपक, परिणाम, सन्देह, भ्रान्तिमान, उल्लेख, अपह्नुति । अध्यवसाय मूलक- साध्य अध्यवसाय मूलक उत्प्रेक्षा तथा सिद्ध अतिशयोक्ति । 5 :: 123 :: व्यतिरेक, सहोक्ति, विनोक्ति । विशेषण विच्छित्ति - समासोक्ति, परिकर । विशेषण - विशेष्य विच्छित्ति - श्लेष । अप्रस्तुत प्रशसा अर्थान्तरन्यास पर्यायोक्त, व्याजस्तुति, आक्षेप । अभेद प्रधान के तीन भेद है गम्यमान औपम्य मूलक :- पदार्थगत गम्यमान औपम्य मूलक तुल्ययोगिता, दीपक तथा वाक्यार्थगत, गम्यमान औपम्य मूलक प्रतिवस्तुपमा, दृष्टान्त, निदर्शना । क आरोप मूलक (ख) अध्यवसाय मूलक (ग) गम्यमान औपम्य - मूलक । - - श्रृंखला मुलक . - तर्कन्याय मूलक -- वाक्यन्याय मूलक - भेदाभेद प्रधान: उपमा, उपमेयोपमा, अनन्वय, स्मरण । विरोध मूलक . - अध्यवसायमूलक - विरोध, विभावना, विशेषोक्ति, अतिशयोक्ति, असगति, विषम, सम, विचित्र, अधिक, अन्योन्य, विशेष, व्याघात । कारणमाला, एकावली, मालादीपक, सार । काव्यलिग, अनुसान । यथासख्य, पर्याय, परिवृत्ति, अर्थापत्ति, विकल्प, परिसंख्या, समुच्चय, समाधि ।
SR No.010838
Book TitleAlankar Chintamani ka Aalochanatmaka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArchana Pandey
PublisherIlahabad University
Publication Year1918
Total Pages276
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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