SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 83
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रस्तुत प्रश्न प्रश्न-संबंधके विषयमें वर-वधूकी सहमतिका होना क्या आवश्यक नहीं है ? यदि है, तो उसका अभिभावकोंके निर्णयके साथ किस प्रकार समन्वय संभव होगा? और वह यदि न हो, तो आखिरी निर्णय किसके हाथमें रहे ? उत्तर-वर-वधूकी सहमति आवश्यक है । यह क्यों समझा जाय कि अभिभावकोंकी सम्मतिमें वर-वधूकी असहमति होगी ? वर-वधूकी उसमें असहमति तभी हो सकती है, जब कोई बाहरी कारण उपस्थित हो । बाहरी कारण अधिकांश मोह-रूप होता है । यदि कोई आंतरिक बाधा वर-वधूकी ओरसे उस विवाहमें हो, तो वह अभिभावकोंपर प्रकट की जा सकती है । इस तरह अभिभावकोंकी असहमति लेकर कोई भी विवाह क्यों हो ? मेरे विचारमें उनकी सहमति लगभग अनिवार्य ही करार देनी चाहिए। प्रश्न--कारण आंतरिक और वाह्य किस प्रकारके हो सकते हैं ? उत्तर-बाह्यसे मतलब उन कारणोंसे है जिनमें कोई बाहरी लगावकी रुकावट है । जैसे वर किसी और लड़कीको चाहता है अथवा कि कन्या किसी और युवकके प्रति आकृष्ट है । या कि दोनों एक दूसरेके रूपसे, आर्थिक अवस्थासे, अथवा और ऐसी बाहरी बातोसे संतुष्ट नहीं हैं । इन्हें मैं बाहरी लगाव गिनता हूँ। 'आंतरिक से मतलब कुछ वैसी बातोंसे है जो दूसरेकी त्रुटि अथवा अयोग्यतासे नहीं, अपनी त्रुटि अथवा अयोग्यतासे संबंध रखती हैं। जैसे कि वर यह माने कि अमुक कन्याके योग्य तो न उसमें शिक्षा है न गुण हैं, अथवा कि कन्या इसी प्रकार किसी विशेष युवकके संबंधमें अपनेको अपात्र समझे, तो इस बाधाको सच्ची बाधा समझनी चाहिए । 'बाह्य' और 'आंतरिक' शब्दोस मैं यही मतलब निकालना चाहता हूँ। प्रश्न--लेकिन वर और कन्या कैसे जाने कि वह उस संबंधके लिए उचित पात्र है कि नहीं? . उत्तर-अगर उसे यह जाननेका मौका नहीं है, तो कोई बुरी बात नहीं है । यह तो बल्कि और अच्छी ही बात है। प्रश्न-तो क्या यह जानना उसका कर्तव्य ही नहीं है ? उत्तर-क्या जानना उसका कर्त्तव्य नहीं है ? क्या यह कि जिससे मेरी शादी हो रही है, वह असलमें क्या है ? तो मैं कहता हूँ कि अगर यह पूरी
SR No.010836
Book TitlePrastut Prashna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJainendrakumar
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1939
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy