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________________ नाम ३६ ] निरतिवाद जन सख्या बैठके अर्थ हिन्दू का वर्म -स्थान समझते है जब कि मुसलमान बात यह नहीं है । मदिर शब्द का अर्थ भवन हिन्दू ३० या घर है। यह बात अवश्य है कि रूढि मे सिक्ख प्रतिष्ठित घर को ही मन्दिर कहते है जैसे राजफुटकर मदिर-राजा का घर, शिक्षामदिर-पाठशाला । सावारण बैठके देवो के घर को देवमदिर कहते है पर देव मदिरो की बहुलता होने से अकेला मदिर शब्द १०० देव-मदिर के लिये रूढ हो गया । जब किसी पहिला मार्ग उत्तम है दूसरा मध्यम है तीसरा शब्द के साथ मिल कर मदिर शब्द आता है जघन्य है। अगर जघन्य मार्ग भी न अपनाया जाय तव उसका अर्थ व्यापक--घर-हो जाता है । फिर तब इसे भयकर दुर्भाग्य ही समझना चाहिये। भी यह शब्द भ्रम से भी सम्प्रदाय की सूचना न दे इसलिये इस शब्द के बदले मे यहा धर्मा___ व्यवस्था कोई भी अपनाई जाय बहुसख्यक लय शब्द रक्खा गया है। तो बहुसख्यक रहेगे ही, पृथक् निर्वाचन से अल्पसख्यक न बन जॉयेंगे । अल्प-सख्यकता से पैदा सत्यसमाज के मदिर की जो योजना है होने वाले भय का उपाय पृथक् निर्वाचन नही जिस मे सभी धर्मों के स्मारक रखने का विवान है उसका नाम भी सत्य-मदिर की जगह धर्माहै किन्तु विश्वास प्रेम और राष्ट्रीयता को महत्त्व __ लय कर दिया जाता है । क्योकि हिन्दू, मुसलदेना है । यह बात मुसलमान और हिन्दू दोनो मान, जैन, ईसाई आदि सभी को उस मे एकसा को समझ लेना चाहिये । स्थान है। संदेश चौथा इस विषय मे निम्न लिखित प्रश्न प्रदर्शित प्रत्येक नगर और गाव मे एक एक धर्मालय हो किये गये है जिन का खुलासा करना जरूरी है | जिस मे उस देश मे प्रचलित मुख्य मुख्य धर्म १-मूर्तिविरोव २-एक धर्म पूजना ही बुरा हे देवा-महापुरुपो की मूत्तियाँ हो । धर्मालय मे आने फिर सब वर्म पूजन से और भी बरा होगा । मे जातिपॉति का बवन न हो। सभी धर्म वाले ३ -वहा दिन भर क्या होता रहेगा। वहा प्रार्थना करे । वहा पशुबलि न हो । सम- १-मत्र्ति पजा के विषय मे मैने स्वतन्त्र भावी व्याख्यान या अन्य कार्य हो । लेख मे ही विस्तार से लिखा है । यहा सक्षेप मे भाष्य--इसे नगर-मन्दिर या ग्राम--मन्दिर यही कहना है कि जब तक मनुष्य के पास हृदय भी कह सकते है परन्तु धर्मालय शब्द सर्वोत्तम है तबतक अपनी भावनाओ को जाग्रत रखने के है । पहिले मैने इसे ग्राम-मन्दिर कहा था पर लिये स्मारक रखना अनिवार्य है । फिर चाहे वह एक सज्जन ने यह पसद नही किया । मुसलमान पुतला, ध्वजा, त्रिशूल, नख, केग, हड्डी, स्तभ, समाज को इस शब्द से विरोध है इसका कारण चरखा, लिखे हुए अक्षर, पुस्तक, कबर या समूचा एक भ्रम है। मुसलमान भाई मदिर शब्द का मकान हो। अगर उसके सम्पर्क से हमारे हृदय
SR No.010828
Book TitleNirtivad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarbarilal Satyabhakta
PublisherSatya Sandesh Karyalay
Publication Year
Total Pages66
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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