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________________ ४१ नवमो समवानो/नौवां समवाय ब्रह्मचर्य-गुप्तियाँ, अगुप्तियां, ब्रह्मचर्य/आचारांग के अध्ययन, पार्श्व की अवगाहना, नक्षत्र, तारा-संचार, जम्बूद्वीप में मत्स्यप्रवेश, विजयद्वार, वाणमन्तरों की सुधर्मा-सभा, दर्शनावरण की प्रकृतियाँ, स्थिति, श्वासोच्छ वास, आहार, सिद्धि। दसमो समवायो/दसवां समवाय श्रमण-धर्म, समाधिस्थान, मन्दर-पर्वत, अरिष्टनेमि की अवगाहना, ज्ञानवृद्धिकारी नक्षत्र, कल्पवृक्ष, स्थिति, श्वासोच्छ्वास, आहार, सिद्धि। ३४ एक्कारसमो समवानो/ग्यारहवां समवाय उपासकप्रतिमा, ज्योतिश्चक्र, महावीर के गणधर, मूलनक्षत्र, ग्रंवेयक, मंदर-पर्वत, स्थिति, श्वासोच्छ वास, पाहार, सिद्धि । बारसमो समवानो/बारहवां समवाय भिक्षुप्रतिमा, संभोग, कृतिकर्म, विजया-राजधानी, वलदेव-राम, मन्दर-चूलिका, जम्बूद्वीप-वेदिका, न्यूनतम रात्रि-दिवस, ईपत्प्राग्भार पृथ्वी, स्थिति, श्वासोच्छ वास, आहार, सिद्धि। . तेरसमो समवायो/तेरहवां समवाय क्रियास्थान, विमानप्रस्तट, जलचर-पंचेन्द्रिय जीवों की कुलकोटि, प्राणायुपूर्व के वस्तु, प्रयोग, सूर्यमण्डल का विस्तार, स्थिति, आहार, स्थिति, श्वासोच्छ् वास, सिद्धि। चउद्दसमो समवानो/चौदहवां समवाय ___ भूतग्राम, पूर्व, जीवस्थान, भरत-ऐरवत-जीवा, चक्रवर्ती-रत्न, महानदी, स्थिति, श्वासोच्छ वास, आहार, सिद्धि । ४८ पण्णरसमो समवायो/पन्द्रहवां समवाय . . परमाधामिक देव, नमि की अवगाहना, ध्रुवराहु नक्षत्र, पन्द्रह मुहुर्त के दिन-रात्रि, विद्यानुवाद-पूर्व के वस्तु, मनुष्य-प्रयोग, स्थिति, श्वासोच्छ - वास, आहार, सिद्धि । सोलसमो समवानो/सोलहवां समवाय गाथाषोडशक, कपाय, मन्दरनाम, पार्श्व की श्रमण-संपदा, स्थिति, श्वासोच्छ वास, आहार, सिद्धि । पत्तरसमो समवायो/सतरहवां समवाय असंयम, संयम, मानुषोत्तर-पर्वत, आवासपर्वत, चारणगति, चमर ५२ ५६
SR No.010827
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1990
Total Pages322
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size10 MB
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