SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 99
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कुच्छि ] शब्दसूची ८५ कल्लं-कल्यम् वा काल्यम् (प्रभाते). कालमासे-कालमासे (मरण- कल्लाकल्लिं-काल्यं काल्यम् समये इत्यर्थः) (प्रतिप्रभातम्) कास-काश कल्लाण-कल्याण कासाई-काषायी कवार्ड-कवाट काहिइ--करिष्यति कविजल-कपिजल किं-किम् कविल-कपिल किञ्चि-किश्चित कवोय-पोत किच्चा--कृत्वा कंसपाई-कास्यपात्री किण्ण-किण्व (सुराबीज) कह-कथय् (धातु) किण्णा-केन कहा-कथा कित्त-कृत् (धातु) कहि-कृथिन् कित्तण-कीर्तन कहिं कस्मिन् कित्ति-कीर्ति काम-काम किला--किलिज (गर्वा चरणार्थ कामदेव-कामदेव यवंशदलमयं महद्भाजनं कामभोग वा कामभोय तद्गोकिलज डल्लेति "डाली" काममोग उच्यते) कामय-कामक (समासे एव) किस-कृश काय-काय कीडा--क्रीडा कार-कार कील--कील कारण कारण कुकुड-कुकुट कारवेमि-कारयामि कुक्य-कुकृत कोकृत्य वा (विवकारिया--कारिका ___रणकारमते तु कौत्कुच्यम्) काल-काल कालग-कालक कुच्छिकुक्षि
SR No.010825
Book TitleUvasagdasao
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages262
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy