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________________ क ] उववास- -उपवास उववेय-उपेत उवसग्ग — उपसर्ग एत्थ-अत्र उवसंपज - उप + सम् + षद् एमहालय एवं महत् ( घातु ) शब्दसूची एय-- एतद् उवागच्छ - उप + आ + गम् एयारूप - एतद्रूप ( धातु ) एलय -- एलय वा एडक उवासँग उपासक • उवासगदसा-उपासकदशा ( प्रन्यनाम ) उव्वट्टण -- उद्वर्तन उब्विग्ग —— उद्विग्न उब्विह- उद् + वृह् ( धातु ) उस्सेह—उत्सेध ऊरू-ऊरु ए -- इयत् वा एवम् (समासे एव ) - ए -- इ ( धातु ) एक-एक एक्कसरग-एकसरक वा एकसर्ग एक्कारस -- एकादशन् एक्कारसम -- एकादश एक्केक - एकैक -- एग - एक एगमेग -- एकैक ८३ एगयओ -- एककतः वा एकतः एज-- एय वा ईय ( धातु ) एव एव - एवमेयं-- एवमेतद् एवामेव -- एवमेव एस -- एषः एसण - एषण एसणिज -- एषणीय ओग्गाहियय - - अवगृहीतक ओगिण्ह वा ओग्गिण्ह-अव मह ( धातु ) ओदन -- ओदन ओयण - मोदन ओसह — औषध ओसहि - औषधि ओहय-भवहत ओहि अवधि कक, किम्
SR No.010825
Book TitleUvasagdasao
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages262
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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