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उवासगडालु इंसण-वय-सामाइय-पोसह - पडिमा - अवम्भ-सचिन्त । आरम्भ-पेस- उद्दिट्ट - वज्रए समणभूए य ॥ ११ ॥ इक्कारस पडिमाओ वीसं परिवाओ अणसणं मासे । सोहम्मे उपलिया महाविदेहम्मि सिज्झिहि ॥ २२ ॥ ॥ २७ ॥
| इसमें सालिहीपिवज्झयणं समत्तं ॥
॥ उवासगवसाय समताओ ॥
उवासगसाणं सतमस्त अङ्गस एगो सुवसन्यो । दस अल्झयणा एकसरगा इस चैव दिवसेषु उहिस्सन्ति । तयो सुयखन्धो समुद्दिस्लइ । अणुण्णविजइ दोस दिवसेसु अहं तहेव ॥
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