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________________ (७८) का स्पर्श होता है उसको स्पर्श-नाम कर्म कहते हैं। . .. १ गुरुस्पर्श जिस कर्म के उदय से शरीर लोहे जैसा भारी हो और नीचे ही दवता हो उसको गुरुस्पर्श नाम कर्म कहते हैं। ___२ लघुस्पर्श जिस कर्म के उदय से शरीर आक के तूल की तरह हलका होकर उड़ताहोउसको लघुस्पर्श कर्म कहते हैं। . ३ मृदु स्पर्श-जिस कर्म के उदय से शरीर मक्खन जैसा मुलायम हो उसकों मृदु स्पर्श नाम कमें कहते हैं. . ., ४ बरसठ स्पर्श-निस कर्म के उदय से शरीर गाय की जीभ जैसा खरदरा हो उसको वरसठ स्पर्श नाम कर्म कहते हैं. __ ५ शीत स्पर्श-जिस कर्म के उदय से शरीर वर्फ जैसा ठंडा हो उसको शीतं स्पर्श नाम कर्म कहते हैं. .. ६ उष्ण स्पर्श-जिस कर्म के उदय से शरीर अग्नि जैसा उष्ण हो उसको उष्ण स्पर्श नाम कर्म कहते हैं. . स्निग्धं स्पर्श-जिस कर्म के उदय से शरीर घी तेल जैसा चिकना हो उसको स्निग्धस्पर्श नाम कर्म कहते हैं. - ८ रुक्षस्पर्श-जिस कर्म के उदय से शरीर.राख जैसा लूखा हो उसको रुक्ष स्पर्श.नाम. कर्म कहते हैं. नील कसिणं दुगंधं तित्तं कडुअं गुरुं खरं
SR No.010822
Book TitleKarm Vipak Pratham Karmgranth
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages131
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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